Hindustan Speical: दो साल से कोई मरीज नहीं, फिर भी जिला अस्पताल में रोज होती है कोविड जांच, जानें वजह
- कोरोना महामारी का खतरा टलने के बाद अधिकांश जगहों पर कोविड गाइडलाइन की पाबंदियां भी हट गई हैं। कोविड की निगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता अब नहीं रही। बीते दो साल से जिले में एक भी कोरोना पाजिटिव मरीज भी नहीं है।
कोरोना महामारी का खतरा टलने के बाद अधिकांश जगहों पर कोविड गाइडलाइन की पाबंदियां भी हट गई हैं। कोविड की निगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता अब नहीं रही। बीते दो साल से जिले में एक भी कोरोना पाजिटिव मरीज भी नहीं है। इसके बाद भी जिला अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए न केवल सैंपल काउंटर संचालित किया जा रहा है बल्कि कोविड की जांच भी हो रही है। चौंक गए ना, दरअसल यह जांच कैदियों-बंदियों की होती है, जिनको अब भी जेल में कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है।
कोरोना महामारी के मरीज जब प्रदेश में बढ़ने लगे थे तो उस समय निर्देश दिया गया था कि अलग-अलग आरोप में जिन लोगों को जेल भेजा जाएगा, उनकी कोविड जांच जरूरी है। जांच रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही उनको जेल में दाखिल किया जा सकता है। उसके बाद जिला अस्पताल में कैदियों के लिए अलग से काउंटर बनाया गया था। करीब दो साल तक जिले में कोरोना का प्रभाव रहा लेकिन धीरे-धीरे महामारी का प्रभाव खत्म होने लगा। इसके बावजूद जिला अस्पताल में आज भी बंदियों की कोविड जांच की जा रही है।
हार्ट वार्ड के सामने बने सैंपलिंग काउंटर पर रोजाना कर्मचारियों की ड्यूटी लग रही है। यहां एक लैब असिस्टेंट की तैनाती है। दिन में जो भी बंदी कोविड जांच कराने आते हैं, उनका सैंपल लिया जाता है। इतना ही नहीं, लैब में स्टाफ तैनात किया गया है जो सैंपल की जांच करता है। रोजाना तीन-चार लोगों को कोविड जांच कराने पुलिस लेकर आती है। बंदियों के लिए कोविड सैंपलिंग काउंटर से लेकर लैब तक में स्टाफ लगाया गया है। जब जांच कराने कोई कैदी नहीं आता तो स्टाफ को दूसरी जगह ड्यूटी के लिए बोला जाता है।
कोविड जांच रिपोर्ट लेकर जाती है पुलिस
कोरोना की पाबंदियां हटने अधिकांश जगह निगेटिव रिपोर्ट होने की बाध्यता भी खत्म हो गई है। लेकिन जेल में किसी कैदी को दाखिल करने से पहले उसकी जांच कराने पुलिस जिला अस्पताल आती है। अस्पताल में उसकी सैंपलिंग कराती है और जांच रिपोर्ट लेकर जाती है।
विभाग का दावा, स्वास्थ्य मेले में भी हो रही जांच
भले ही जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक अब बुखार के मरीजों की कोविड जांच नहीं हो रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रत्येक रविवार को लगने वाले स्वास्थ्य मेले में कोरोना की जांच की जा रही है। बीते रविवार को लगे स्वास्थ्य मेले में 500 से अधिक लोगों की कोविड जांच करने का विभाग ने दावा किया है।