बिहार में विपक्ष की भूमिका में आने के बाद भाजपा ने अब बड़ी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह के 23-24 सितंबर को होने वाले दौरे के बाद तेवर दिखाएगी।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को मणिपुर में बड़ा झटका लगा है। जेडीयू के पांच विधायक शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बात की पुष्टि करते करते हुए कहा कि पटना में हाल ही में हुई सात मोर्चाओं की बैठक से पहले करीब 200 विधानसभाओं में लोगों से बात की गई थी।
पार्टी का मानना है कि राजद के साथ जाने पर जदयू की छवि पर भी असर पड़ेगा और उससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रभावित होंगे। नई सरकार में बड़ी पार्टी होने के नाते राजद का सरकार पर वर्चस्व रहेगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं को यह पता लग चुका था कि नीतीश कुमार फैसला ले चुके हैं और वह वापस नहीं आएंगे। भाजपा को भी अब नीतीश कुमार का साथ भारी पड़ने लगा था, क्योंकि कई मुद्दों पर टकराव हो रहा था।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर मौजूदा हालात पर न केवल चिंता जताई है, बल्कि सामाजिक समीकरणों को लेकर पार्टी नेतृत्व को आगाह भी किया है।