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जोधपुर जेल में रेप के दोषी आसाराम ने किया सरेंडर, गुजरात हाईकोर्ट से राहत का नहीं हुआ फायदा

  • आसाराम पैर में प्लास्टर बांधकर वापस जेल पहुंचे। उनकी अंतरिम जमानत 31 मार्च को समाप्त हो गई है। हालांकि गुजरात हाईकोर्ट ने 30 जून तक के लिए जमानत दे दी थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, जोधपुरTue, 1 April 2025 04:10 PM
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जोधपुर जेल में रेप के दोषी आसाराम ने किया सरेंडर, गुजरात हाईकोर्ट से राहत का नहीं हुआ फायदा

नाबालिग से रेप करने वाले आसाराम बापू ने जोधपुर जेल में सरेंडर कर दिया है। वह पैर में प्लास्टर बांधकर वापस जेल पहुंचे। उनकी अंतरिम जमानत 31 मार्च को समाप्त हो गई है। हालांकि गुजरात हाईकोर्ट ने 30 जून तक के लिए जमानत दे दी थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

समर्थकों संग पैर में प्लास्टर बांध पहुंचे जेल

आसाराम अपने समर्थकों के साथ वापस जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। उनके पैर में प्लास्टर बंधा था। इसके चलते आसाराम ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। उन्हें व्हीलचेयर के जरिए अपनी बैरक तक ले जाया गया। इससे पहले पुलिस कर्मियों ने उनकी चेन और अंगूठी उतरवा ली थी।

राजस्थान कोर्ट में कल होगी सुनवाई

आसाराम के वकील ने जमानत का समय बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल की हुई है। इसकी सुनवाई कल 2 अप्रैल को होनी है। अगर राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अवधि नहीं बढ़ाई तो आसाराम को जेल में ही रहना होगा। क्योंकि, जब तक दोनों मामलों में राहत नहीं मिलती उन्हें जेल में ही रहना होगा।

इन 2 अपराध में भुगत रहे उम्रकैद

दो मामलों की बात करें तो आसाराम को जोधपुर और गांधीनगर दो अलग-अलग कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई हुई है। दोनों जगह उसके खिलाफ रेप का मामला है। राजस्थान के जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोप में 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। वहीं गुजरात के गांधीनगर कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को एक महिला से रेप करने का दोषी पाए जाने पर आजीवन कैद की सजा सुनाई थी।

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गुजरात हाईकोर्ट ने दिया था विभाजित फैसला

गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से विभाजित फैसला सामने आया था। जमानत के लिए लगाई गई याचिका 25 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट ने सुरक्षित रख ली थी। 28 मार्च को फैसला आया तो एक न्यायाधीश ने हां तो दूसरे ने ना कहा। इसके चलते चीफ जस्टिस के पास मामला पहुंचाया गया। इसके बाद तीसरे जज ने आसाराम को अंतरिम जमानत देने का फैसला किया। और 2-1 के निर्णय से फैसला आसाराम के पक्ष में गया। और उनकी जमानत 30 जून तक के लिए बढ़ा दी गई।

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