क्या कांग्रेस आपका अपमान कर रही है? शशि थरूर बोले- इतनी आसानी से नहीं किया जा सकता
थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया जाएगा। इसमें तेजस्वी सूर्या, कलिता, शशांक मणि त्रिपाठी, शांभवी, सरफराज अहमद, हरीश बालयोगी, मिलिंद देवड़ा और तरनजीत संधू शामिल है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को केंद्र सरकार के उस फैसले का समर्थन किया, जिसमें उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद पर भारत की स्थिति को वैश्विक मंच पर रखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि इसमें उन्हें कोई राजनीति नहीं दिखती और जब देश संकट में हो, तो हर नागरिक का कर्तव्य होता है कि वह देश की सेवा करे।
ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे। इनमें से चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता जबकि तीन की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे। एक दल को कांग्रेस सांसद शशि थरूर लीड करेंगे। थरूर ने कहा, "मैं इसमें कोई राजनीति नहीं देखता। मेरे अनुसार, जब तक राष्ट्र नहीं होगा, तब तक राजनीति का कोई महत्व नहीं है। जब देश संकट में हो और केंद्र सरकार एक नागरिक से मदद मांगे, तो इसका और क्या उत्तर दिया जा सकता है?"
उन्होंने कहा कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए हाल ही में औपचारिक रूप से आमंत्रित किया और उन्होंने तत्काल इसे स्वीकार कर लिया। थरूर के अनुसार, उनका विदेश मामलों को संभालने का पिछला अनुभव इस जिम्मेदारी के लिए काम आएगा। उन्होंने कहा, "88 घंटे तक चले पाकिस्तान के साथ संघर्ष को सभी ने देखा। ऐसे में यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि दुनिया को भारत की एकजुट आवाज सुनाई दे।"
हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी उनके इस फैसले से नाराज है और उसने प्रतिनिधिमंडल के लिए अलग-अलग नाम क्यों सुझाए हैं, तो थरूर ने कहा, "आपको यह सवाल पार्टी से पूछना चाहिए।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें जब केंद्र सरकार से आमंत्रण मिला, तो उन्होंने पार्टी को इसकी जानकारी दे दी थी। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कांग्रेस पार्टी उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है, तो थरूर ने आत्मविश्वास से कहा, "मुझे इतनी आसानी से अपमानित नहीं किया जा सकता। मुझे अपनी काबिलियत पता है।" उन्होंने कहा कि देशसेवा का अवसर मिलने पर वे हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय सेवा हर नागरिक का कर्तव्य है।" शशि थरूर ने जोर देकर कहा कि जब देश पर हमला होता है, तब हर किसी का एकजुट होकर एक ही स्वर में बोलना राष्ट्रहित में होता है। उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और वह इसे देश के प्रति अपना दायित्व मानते हैं।
इस बीच, कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा, "कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, दोनों में फर्क है।" उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली में जब किसी सांसद को आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया जाता है, तो उसे पार्टी की सहमति लेनी चाहिए। रमेश ने बताया कि सरकार के अनुरोध पर कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम भेजे थे, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन और लोकसभा सांसद राजा बराड़ का नाम शामिल था। हालांकि केंद्र सरकार ने केवल आनंद शर्मा को ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया जाएगा। इसमें भाजपा से तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कलिता, शशांक मणि त्रिपाठी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, झारखंड मुक्ति मोर्चा से सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना से मिलिंद देवड़ा और राजनयिक तरनजीत सिंह संधू शामिल है।