संगमनगरी प्रयागराज में करोड़ों लोग महाकुंभ 2025 आयोजन के लिए जुट रहे हैं और 45 दिनों के अंदर 40 करोड़ लोगों के यहां आने की उम्मीद है। ऐसे में सुरक्षा से लेकर मैनेजमेंट तक के लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है। AI से लेकर VR जैसी एंडवांस्ड टेक्नोलॉजी इस आयोजन का हिस्सा बनी है। आइए आपको इस बारे में बताते हैं।
आयोजन से जुड़ी जानकारियां एक जगह पर आसानी से देने और रास्तों के नेविगेशन से लेकर ठहरने के इंतजाम तक की जानकारी Maha Kumbh Mela App के जरिए दी जा रही है। एंड्रॉयड और iOS दोनों पर उपलब्ध ऐप से आपात स्थिति में मदद मंगवाई जा सकेगी।
प्रयागराज और मेला परिसर के चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए इस साल करीब 2700 आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) पावर्ड CCTV कैमरे लगाए गए हैं। ये खास तरह की गतिविधियों को रियल टाइम में ट्रैक कर सकते हैं।
मेले से जुड़ी रियल टाइम इन्फॉर्मेशन के अलावा इवेंट्स अपडेट्स देने और पर्सनल असिस्टेंस ऑफर करने के लिए खास AI चैटबॉट Sah'AI'yak नाम से लॉन्च किया गया है। यह वन-स्टॉप सॉल्यूशन ऑफर करता है।
महाकुंभ मेला परिसर में कई जगह खास वर्चुअल रिएलिटी (VR) सेंटर बनाए गए हैं और डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर बनाया गया है। यहां यूजर्स को अलग-अलग आयोजनों का 360 डिग्री VR एक्सपीरियंस दिया जाता है। श्रद्धालुओं को ये VR टूर काफी पसंद आ रहे हैं।
जो लोग महाकुंभ का हिस्सा बनने के बाद खास अंदाज में अपनी यादें संजोना चाहते हैं, उनके लिए इस आयोजन में सेल्फी बूथ बनाए गए हैं। आपको दी गई स्क्रीन के सामने खड़े होकर सेल्फी क्लिक करने का मौका मिलता है और AR बैकग्राउंड्स के जरिए उनमें कुंभ का बैकग्राउंड लगाया जा सकता है।
महाकुंभ मेला 2025 में खास मौकों पर रात में ड्रोन शो का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा रोज शाम को लेजर शो की मदद से महाकुंभ का इतिहास भी बताया और खास अंदाज में दिखाया जा रहा है।
मेले के दौरान अलग होने और बिछड़ने वाले लोगों को उनके अपनों से मिलाने के लिए इस बार डिजिटल खोया-पाया सेंटर बनाए गए हैं। 12 सेंटर्स पर ऑफीशियल्स को लोगों की फोटोज उनके सोशल मीडिया अकाउंट से वेरिफाइ करने का विकल्प मिलता है। साथ ही इनमें अलग-अलग भाषाओं का हिन्दी में अनुवाद किया जा सकता है।