विदेशी चिकित्सा स्नातकों से जुड़ी याचिका पर केंद्र को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी चिकित्सा स्नातकों के लिए अनिवार्य इंटर्नशिप को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की सहमति दी। न्यायालय ने केंद्र को छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिका में महामारी और...

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी चिकित्सा स्नातकों के लिए अतिरिक्त वर्षों की इंटर्नशिप अनिवार्य करने संबंधी नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने पर मंगलवार को सहमति जताई। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा। 'एसोसिएशन ऑफ डॉक्टर्स एंड मेडिकल स्टूडेंट्स' की ओर से दायर याचिका में संबंधित प्राधिकारियों को उन विदेशी चिकित्सा स्नातकों के लिए प्रतिपूरक इंटर्नशिप या व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए बेहतर योजना या दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जिनका पाठ्यक्रम महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाधित हुआ था।
अधिवक्ता जुल्फिकार अली पीएस के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता विदेशी चिकित्सा स्नातकों का एक पंजीकृत संगठन है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीवी दिनेश ने कहा कि यह मुद्दा केवल उन लोगों तक सीमित है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध या महामारी के कारण भारत लौट आए थे, लेकिन अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए फिर से यूक्रेन या चीन चले गए और उन्होंने अपनी इंटर्नशिप भी पूरी कर ली है।
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