डीजल की मांग में महामारी के बाद सबसे कम वृद्धि
भारत में डीजल की मांग वित्त वर्ष 2024-25 में 2% बढ़कर 9.14 करोड़ टन रही, जो महामारी के बाद सबसे कम है। आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती और स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ते रुझान के कारण यह वृद्धि धीमी हुई। ट्रकों...

नई दिल्ली। भारत में सबसे अधिक खपत वाले पेट्रोलियम उत्पाद डीजल की मांग में वृद्धि 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में महामारी के बाद सबसे कम रही। अर्थव्यवस्था के धीमी गति से बढ़ने और स्वच्छ ईंधन की ओर रुझान तेज होने के चलते ऐसा हुआ। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में डीजल की खपत दो प्रतिशत बढ़कर 9.14 करोड़ टन रही। ट्रकों और कृषि मशीनरी में इस्तेमाल होने वाले डीजल की मांग वित्त वर्ष 2023-24 में 4.3 प्रतिशत और 2022-23 में 12.1 प्रतिशत बढ़ी थी। भारत में इस्तेमाल होने वाले ईंधन में डीजल का हिस्सा लगभग 40 प्रतिशत है। मांग वृद्धि में नरमी देश में आर्थिक गतिविधियों की सुस्ती को दर्शाती है। इसके अलावा बड़ी वजह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) हैं, जो भारत में डीज़ल की मांग को प्रभावित कर रहे हैं।
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