16वीं सदी की पारंपरिक लोक कला है चितेरी: यशवंत जोशी
Bijnor News - उत्तर प्रदेश एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ और वर्धमान कॉलेज बिजनौर के संयुक्त तत्वाधान में 'सृजन ग्रीष्म कालीन चित्रकला कार्यशाला' का शुभारंभ हुआ। अतिथि प्रशिक्षक यशवंत जोशी ने बुंदेली चितेरी कला...

उत्तर प्रदेश एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ (संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश) एवं वर्धमान कॉलेज बिजनौर के संयुक्त तत्वाधान में ‘सृजन ग्रीष्म कालीन सात दिवसीय चित्रकला कार्यशाला का मंगलवार को शुभारंभ हुआ। अतिथि प्र्रशिक्षक यशवंत जोशी ‘बुंदेली आर्टफॉर्म चितेरी के बारे में बताया कि यह बुंदेलखंड की चितेरी कला 16वीं सदी की पारंपरिक लोक कला है। कार्यशाला का शुभारंभ अतिथि प्रशिक्षक यशवंत जोशी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर प्रीति खन्ना तथा सांस्कृतिक समिति के सभी पदाधिकारियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यशाला में लगभग 28 छात्राओं, आरती, अंजलि, गीतिका, कविता रानी, तेजस्वी जैसे कई छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। छात्र-छात्राओं के साथ-साथ महाविदयालय के शिक्षक व शिक्षिकाओं ने भी चित्रकला का प्रशिक्षण लिया । कार्यशाला का कुशल निर्देशन प्रोफेसर सीएम जैन (प्राचार्य), अतुल द्विवेदी (निदेशक उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्थान), शिशिर (निदेशक संस्कृति निदेशालय उत्तर प्रदेश), रविन्द्र कुमार (विशेष सचिव संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश), मुकेश कुमार मेश्राम (प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन उत्तर प्रदेश) द्वारा किया गया।
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