Amit Shah Reviews Implementation of New Criminal Laws in Puducherry Advocates for Tamil FIRs पुडुचेरी में तमिल में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए: अमित शाह, Delhi Hindi News - Hindustan
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पुडुचेरी में तमिल में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुडुचेरी में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी केवल तमिल में दर्ज की जानी चाहिए और इसे अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध कराना चाहिए।...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 13 May 2025 11:11 PM
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पुडुचेरी में तमिल में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए: अमित शाह

- नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की लगातार समीक्षा हो नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में प्राथमिकी तमिल में दर्ज की जानी चाहिए। इसके साथ ही जरूरतमंदों को इसे अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। शाह ने पुडुचेरी में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान शाह ने पुलिस, कारागारों, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक सेवाओं से संबंधित प्रमुख प्रावधानों की प्रगति और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पुडुचेरी में प्राथमिकी केवल तमिल भाषा में दर्ज की जानी चाहिए और जिन लोगों को इसकी आवश्यकता है, उन्हें इसे अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाए गए तीन नए फौजदारी कानूनों के कार्यान्वयन की दिशा में अच्छा काम किया है। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के शीघ्र कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। शाह ने कहा कि सभी गिरफ्तार अपराधियों के उंगलियों के निशान एनएएफआईएस के तहत दर्ज किए जाने चाहिए ताकि डेटाबेस का बेहतर उपयोग किया जा सके। किसी भी मामले में कानूनी सलाह देने का अधिकार केवल अभियोजन निदेशक को ही होना चाहिए। गृहमंत्री ने कहा कि ई-समन, ई-साक्ष्य, न्याय श्रुति और फोरेंसिक जैसे प्रावधानों को जल्द से जल्द पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए। शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की सप्ताह में एक बार, गृह मंत्री को हर 15 दिन में और उपराज्यपाल को महीने में एक बार समीक्षा करनी चाहिए।

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