दिल्ली-NCR में भूकंप ने सुबह-सुबह हिला दिया, डरकर घर से भागे लोग
Delhi NCR Earthquake दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। मंगलवार सुबह करीब 6.35 पर यह झटका महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र नेपाल में था। लेकिन इसकी तीव्रता 7.1 होने की वजह से यूपी-बिहार से दिल्ली-एनसीआर तक भूकंप ने सबको हिला दिया।
Delhi NCR Earthquake दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। मंगलवार सुबह करीब 6.35 पर यह झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल में बताया जा रहा है। हालांकि, रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता 7.1 होने की वजह से यूपी-बिहार से दिल्ली-एनसीआर तक इसने सबको हिला दिया। लोग डरकर घर से बाहर निकल आए।
यूनाइडेट स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप सुबह 6:35 बजे, नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किमी. उत्तर-पूर्व में आया। इसका असर दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किया गया। हालांकि, तब जाग चुके लोग ही इसे महसूस कर पाए। दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों ने इसे अधिक महसूस किया।
फिलहाल भूंकप से दिल्ली-एनसीआर से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। बता दें कि, दिल्ली भूंकप के लिहाज से काफी जोखिम वाला क्षेत्र है। यहां बीते 5 साल में दर्जनों बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जा चुके हैं।
भूकंप आने पर क्या करें, क्या ना करें
• अपने घर को भूकंप प्रतिरोधी बनाने हेतु स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सलाह लें
• दीवारों और छतों की दरारों की मरम्मत कराएं
• खुले टांड दीवार से मजबूती से बांधे और भारी सामान निचले टांडों पर रखें
• आपातकालीन किट तैयार रखें
• अपने परिवार के साथ एक निजी आपातकालीन योजना तैयार करें
• 'झुको ढको पकड़ो' की तकनीक सीखें
भूकंप के दौरान
• घबराएं नहीं, शांत रहें
• टेबल के नीचे जाएं, एक हाथ से अपने सिर को ढकें और भूकंप के झटके रुकने तक टेबल को पकड़े रहें
• झटके रुकते ही फौरन बाहर निकलें - लिफ्ट का इस्तेमाल न करें
• बाहर आने के बाद इमारतों, पेड़ों, दीवारों और खंभों से दूर रहें
• अगर आप गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी रोककर झटके समाप्त होने तक अंदर ही रहें, पुल इत्यादि पर जाने से बचें
भूकंप के बाद
• क्षतिग्रस्त इमारतों में न जाएं
• सीढ़ियों का प्रयोग करें, लिफ्ट या एलिवेटर का इस्तेमाल न करें
• अगर मलबे में फंस गए हों:
• माचिस न जलाएं
• अपने मुंह को कपड़े से ढकें
• दीवार या नल पर खटखटाएं और आवाज करें
• सीटी बजाएं
• कोई अन्य उपाय न होने पर ही चिल्लाएं