CJI B R Gavai Expresses Discontent Over Absence of Maharashtra Officials During Visit प्रोटोकॉल का पालन न होने मुख्य न्यायाधीश गवई नाराज, Delhi Hindi News - Hindustan
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प्रोटोकॉल का पालन न होने मुख्य न्यायाधीश गवई नाराज

मुंबई में, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने अपने पहले महाराष्ट्र दौरे के दौरान मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका के...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 18 May 2025 08:22 PM
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प्रोटोकॉल का पालन न होने मुख्य न्यायाधीश गवई नाराज

मुंबई, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान अगवानी के लिए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या पुलिस आयुक्त के अनुपस्थित रहने पर रविवार को नाराजगी व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश गवई 14 मई को शपथ लेने के बाद पहली बार महाराष्ट्र पहुंचे थे। वह महाराष्ट्र और गोवा की बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में वहां पहुंचे थे। गवई ने समारोह में कहा कि मैं जब यहां पहुंचा तो महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त मौजूद नहीं थे। अगर वे नहीं आना चाहते थे तो उन्हें सोचना चाहिए था कि मेरे शपथ ग्रहण के बाद पहली बार यहां पहुंचने पर ऐसा करना सही रहेगा या नहीं।

महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले गवई ने कहा कि यह संस्था के अन्य संगठनों का न्यायपालिका के प्रति सम्मान का सवाल है। सीजेआई ने कहा कि वह ऐसी छोटी-मोटी चीजों में नहीं पड़ना चाहते, लेकिन उन्हें इसका जिक्र करने की जरूरत महसूस हुई, ताकि लोगों को इसके बारे में पता चले। अनुच्छेद 142 का जिक्र भी : गवई ने हल्के अंदाज में कहा कि अगर मेरी जगह कोई और होता तो अनुच्छेद 142 के प्रावधानों पर विचार किया जाता। संविधान का अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले आदेश देने की शक्ति प्रदान करता है। यह न्यायालय को व्यक्तियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आदेश देने की भी अनुमति देता है। ----------- ‘संविधान सर्वोच्च, सभी स्तंभ मिलकर काम करें मुख्य न्यायाधीश गवई ने इस मौके पर कहा कि न तो न्यायपालिका और न ही कार्यपालिका, बल्कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और इसके स्तंभों को मिलकर काम करना चाहिए। कहा कि उन्हें खुशी है कि देश न केवल मजबूत हुआ है बल्कि सामाजिक और आर्थिक मोर्चों पर भी विकसित हुआ है और यह जारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का बुनियादी ढांचा मजबूत है और संविधान के तीनों स्तंभ समान हैं। संविधान के सभी अंगों को एक-दूसरे के प्रति उचित सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए।

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