वट सावित्री व्रत 26 को, सुहागिन महिलाएं रखेंगी व्रत
वट सावित्री व्रत 26 को, सुहागिन महिलाएं रखेंगी व्रतवट सावित्री व्रत 26 को, सुहागिन महिलाएं रखेंगी व्रतवट सावित्री व्रत 26 को, सुहागिन महिलाएं रखेंगी व्रतवट सावित्री व्रत 26 को, सुहागिन महिलाएं रखेंगी...

वट सावित्री व्रत 26 को, सुहागिन महिलाएं रखेंगी व्रत जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व पावापुरी, निज संवाददाता। वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस व्रत का पालन सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। इसमें सावित्री ने अपने तप और भक्ति से यमराज से अपने पति के प्राण वापस प्राप्त किए थे। पंडित सूर्यमणि पांडेय कहते हैं कि वट सावित्री व्रत नारी शक्ति, भक्ति और पति के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
यह व्रत महिलाओं को अपने पति के प्रति प्रेम, समर्पण और त्याग की भावना को सुदृढ़ करता है। वट वृक्ष की पूजा अमरता और दीर्घायु का प्रतीक मानी जाती है, क्योंकि सावित्री ने इसी वृक्ष के नीचे अपने पति के प्राण यमराज से वापस लिए थे। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र की मंगल कामना करती हैं। यह पर्व नारी शक्ति और भक्ति का उत्सव है, जो आज भी समाज में अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है। व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त : व्रत की तिथि: सोमवार 26 मई को अमावस्या तिथि प्रारंभ : 26 मई को दोपहर 10.55 बजे अमावस्या तिथि समाप्त : 27 मई को सुबह 8.30 बजे पूजा का शुभ मुहूर्त : 26 मई को सुबह 8.52 से 11.35 बजे तक व्रत की पूजा विधि : 1. प्रात:काल स्नान : महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 2. वट वृक्ष की पूजा : वट (बरगद) वृक्ष के नीचे सत्यवान-सावित्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। 3. पूजा सामग्री अर्पण : धूप, दीप, फूल, अक्षत, सिंदूर आदि अर्पित करें। 4. परिक्रमा : कच्चे सूत से वट वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें और व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें। आवश्यक पूजा सामग्री : धूप, दीपक, अगरबत्ती, पूजा की थाली, सिंदूर, रोली, अक्षत (चावल), कलावा, कच्चा सूत, रक्षासूत्र, लाल या पीला कपड़ा, बांस का पंखा, बरगद का फल, लाल और पीले फूल, भींगा हुआ काला चना, नारियल, पान के पत्ते, बताशा, श्रृंगार सामग्री (लिपस्टिक, बिंदी, कंघी आदि), वट सावित्री व्रत कथा की पुस्तक, सावित्री और सत्यवान की फोटो या प्रतिमा। व्रत में क्या खाएं, क्या न खाएं : फल, मेवे, दही, शहद, घर पर बनी शुद्ध मिठाई, हलवा या पुआ का सेवन करें।
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