जातीय जनगणना के शोर के बीच 5 राज्यों के चुनाव में क्या करेगी भाजपा, बनाई तीन स्तरीय रणनीति
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है। यह चुनाव ऐसे वक्त में हो रहा है, जब बिहार सरकार ने राज्य में जातीय जनगणना कराई है।
निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है। यह चुनाव ऐसे वक्त में हो रहा है, जब बिहार सरकार ने राज्य में जातीय जनगणना कराई है। इसमें ओबीसी समुदाय के लोगों की संख्या 63 फीसदी पाई गई है। इसके बाद से सूबे में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के गठबंधन के हौसले बुलंद हैं। यही नहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसे दल अब देश के अन्य राज्यों में भी ऐसा सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं। भाजपा को लगता है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी उसे इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ऐसे में भाजपा ने ऐसी स्थिति की काट के लिए पहले से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि हम मोदी सरकार की ओर से चलाई गई सामाजिक योजनाओं का प्रचार करेंगे। इससे हम लाभार्थी वर्ग तक पहुंचेंगे, जिसकी संख्या 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ तक है। भाजपा को लगता है कि सामाजिक योजनाओं के नाम पर वह जाति और धर्म में पड़े बिना बड़ी संख्या में गरीब तबके को साथ ला सकेगी। यही वजह है कि पीएम मोदी लगातार अपनी सरकार की योजनाओं को गिना रही है।
यही नहीं जातीय जनगणना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने तो यहां तक कहा कि कुछ लोग हिंदू समाज को बांट देना चाहते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश में कहा था कि कांग्रेस हिंदुओं को बांट देना चाहती है। माना जा रहा है कि भाजपा हिंदूवोटबैंक को साथ रखने के लिए हिंदू एकता पर जोर देगी। इसके अलावा सामाजिक समरसता पर फोकस किया जाएगा ताकि सभी जातियों के लोग उसके साथ आ सकें। इसके लिए आरएसएस की भी मदद लेने का प्लान है, जिसका हिंदू समाज के हर वर्ग में आधार है। हिंदू वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए यह प्लान तैयार हो रहा है।
भाजपा के लोगों को यह भी लगता है कि वह विश्वकर्मा योजना के जरिए ओबीसी जातियों में पैठ बना सकेगी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि भाजपा ने ओबीसी समाज के सशक्तिकरण के लिए बहुत काम किए हैं। विपक्ष के लोग बिना मतलब ही ऐसे मुद्दे खड़े कर रहे हैं कि हम जानबूझकर किसी एक देश के साथ हैं। यही नहीं भाजपा ने कई बड़े वर्ग को लुभाने के लिए कुछ स्कीमों का भी ऐलान किया है। यही नहीं चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग के जरिए भी भाजपा सबका साथ, सबका विकास वाला नैरेटिव पेश करना चाहेगी।