भाजपा ने शुक्रवार को पी. चिदंबरम के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अब तो राहुल गांधी के करीबी नेता ने भी मान लिया है कि कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। दरअसल गुरुवार को चिदंबरम ने कहा था कि मैं आश्वस्त नहीं हूं कि अब भी INDIA अलायंस कायम है या फिर भविष्य में भी बना रहेगा।
राजस्थान की राजनीति में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट तेज होने लगी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली रवाना होते ही भाजपा में मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर हलचल तेज हो गई है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस साल फरवरी में इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य में बीते डेढ़ साल से जारी हिंसा के बीच राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया था।
महिला डांसर को गोद में बैठाकर अश्लील हरकतें करते हुए कैमरे में कैद हुए बलिया के भाजपा नेता बब्बन सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया है। एक दिन पहले ही उनका वीडियो वायरल हुआ था।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत-पाक युद्ध के बाद भाजपा के जश्न मनाने पर चुटकी ली है। अखिलेश ने कहा कि जश्न जीत का होना चाहिए सीज का नहीं।
शहर के आशागंज इलाके में बुधवार सुबह एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में भीषण आग ने तांडव मचाया। शॉर्ट सर्किट से फैली आग में 200 से ज्यादा कूलर, एसी और लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। घटना ने न सिर्फ व्यापारियों को झकझोर दिया, बल्कि अजमेर नगर निगम की लापरवाही भी उजागर कर दी।
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के छह शहरों में मिलिट्री स्कूल खोलने की सरकार से मांग की है। अखिलेश ने इन स्कूलों को खोलने की क्यों जरूरत है, इसका भी कारण बताया है।
पाकिस्तान के साथ जंग छेड़ने वाली बात नहीं थी। इसके अलावा भारत की ओर से पाकिस्तानी सेना को टारगेट भी नहीं किया गया। लेकिन पाकिस्तान की सेना ने भारत के खिलाफ हमले किए तो उसे करारा जवाब दिया गया। पीएम मोदी ने भी आदमपुर एयरबेस पर दी गई अपनी स्पीच में ऐसी ही बात की थी।
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पंचायत चुनाव 2025 में राजग को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए असम के लोगों का आभार। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन-केंद्रित नीतियों का समर्थन है।'
जयपुर की सियासत एक बार फिर कुर्सी को लेकर गरमा गई है। मौका था भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा से पहले पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक का, लेकिन यहां चर्चा तिरंगे की कम और कुर्सियों की ज्यादा हो गई।