अलीनगर के भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव समेत दो लोगों को दरभंगा एमपी-एमएलए कोर्ट ने 3 महीने की सजा सुनाई है। मामला मारपीट से जुड़ा है, मिश्री लाल पर सुरेश यादव नाम के शख्स पर रॉड और लाठी से मारकर जेब से 2300 रुपये निकालने का भी आरोप लगाया गया था।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे तीन सरकारी कार्यक्रमों में नहीं पहुंचे, जिनमें सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी थी। ठाणे के बदलापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण पर शिंदे मौजूद नहीं थे। यह बात हैरान करने वाली थी क्योंकि ठाणे को एकनाथ शिंदे का गृह क्षेत्र माना जाता है।
मंत्री जी ने आय प्रमाण पत्र लगाया था, जिसमें अपनी कमाई कम दिखाई थी। दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने और फर्जी दावे के आधार पर फ्लैट लेने को लेकर उनके खिलाफ 30 साल से केस चल रहा था, जिसमें अब जाकर अदालत का फैसला आया है। हालांकि अदालत ने कृषि मंत्री माणिकाराव कोकाटे को ऊपरी अदालत जाने की अनुमति दी है।
जेडीयू से भी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह पहुंचे हैं। भाजपा इससे पहले सरकारों के गठन के मौके को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर इस्तेमाल करती रही है। चंडीगढ़ में हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी के शपथ समारोह में भी एनडीए के सारे मुख्यमंत्री पहुंचे थे।
एकनाथ शिंदे का प्रोजेक्ट कहे जाने वाले 1400 करोड़ रुपये के उस टेंडर को बीएमसी ने खारिज कर दिया है, जिसके तहत सूखे कचरे का मैनेजमेंट किया जाना था। इस योजना के माध्यम से घर-घर से कूड़े का कलेक्शन करना और स्लम एरिया में रास्तों की सफाई, नालों की सफाई और टॉयलेट का मेंटनेंस करना शामिल था।
दिल्ली में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होने के साथ भाजपा ने छह मंत्रियों के नाम भी तय कर लिए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, आज रामलीला मैदान में दिल्ली की सीएम के साथ छह मंत्री भी शपथ लेंगे। सभी वर्गों को साधने के हिसाब से मंत्रियों का चयन किया गया है।
डीयू की छात्र राजनीति से जुड़ी रहीं रेखा गुप्ता को डुसू चुनाव में तब सचिव चुना गया था, जब अलका लांबा अध्यक्ष बनी थीं। भाजपा की 20 राज्यों में सरकार है और वह पार्टी की अकेली महिला सीएम होंगी। पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं रेखा को चुनने की कई वजहें हैं और इनमें से एक अरविंद केजरीवाल भी हैं।
पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वाधवा को मेयर प्रत्याशी बनाए जाने से लोगों में निराशा है। पार्टी के लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं और उन्होंने इस्तीफा दिया है। कांग्रेस छोड़ने की खबरों के बाद पार्टी के नेताओं ने बागियों से मुलाकात की। कई नेताओं के यहां खुद मेयर कैंडिडेट मनोज वाधवा पहुंचे और मनाने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री के विवादित बयान के विरोध में भाजपा विधायकों ने नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में ममता सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में विधानसभा परिसर में धरना दिया।
अन्नामलाई ने घोषणा की कि मार्च से भाजपा पूरे राज्य में तीन महीने का हस्ताक्षर अभियान चलाएगी, जिसमें माता-पिता से भाषा शिक्षा को लेकर उनकी राय ली जाएगी।