सरकार से रस्साकसी के बीच हाई कोर्ट में जज बनाने के लिए चार वकीलों के नाम को SC कॉलेजियम की हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सरकार की आपत्ति को दरकिनार करते हैं हाई कोर्ट में चार वकीलों की जज के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसा कर दी है। कॉलेजियम ने इसके पीछे तर्क भी दिए हैं।
केंद्र सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने चार वकीलों क हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश कर दी है। कोलेजियम का कहना है कि इन वकीलों के जज बनने से महिलाओं और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। इसके अलावा संवैधानिक अदालत में टैक्स एक्सपर्ट जज बढ़ जाएंगे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस संजीव खन्ना के कॉलेजियम ने मंजूशा अजय देशपांडे को बॉम्बे हाई कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की है। एन सेंथिलकुमार और जी आरुल मुरुगन को मद्रास हाई कोर्ट और केवी अरविंद को कर्नाटक हाई कोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। हाई कोर्ट के कोलेजियम ने पहले यह प्रस्ताव रखा था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के कॉलेजियम ने देशपांडे की नियुक्ति की सिफारिश पिछले साल सितंबर में ही की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सलाहकार जजों और कानून मंत्रालय से सलाह ली। बाद में सिफारिश के प्रस्ताव में कहा गया, हमारे आकलन के अनुसार कैंडिडेय योग्य है। उन्होंने 32 साल तक वकालत की है। संवैधानिक और सेवाओं के मामले में उन्होंने कानून की अलग-अलग शाखाओं में काम किया है। उनकी नियुक्ति से बॉम्बे हाई कोर्ट में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
कर्नाटक हाई कोर्ट कोलेजियम ने अरविंद का नाम जज के लिए आगे किया था। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका नाम आगे करते हुए कहा, हमने रिकॉर्ड में दी गई सामग्री का आकलन किया है। इसके अलावा कानून मंत्रालय की टिप्पणी को भी ध्यान में रखा है। अरविंद के चरित्र में किसी तरह की कमी नहीं देखी गई है। कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने टैक्स से जुड़े कई मामले पेंडिंग हैं। इसलिए इस क्षेत्र में जानकारी रखने वाले जज की जरूरत है।
वहीं एससी समुदाय से आने वाले सेंथिलकुमार और ओबीसी से आने वाले मुरुगन की नियुक्ति के लिए केंद्र की आपत्ति को दरकिनार करते हुए कोलेजियम ने कहा कि हाई कोर्ट में इनकी नियुक्ति से वंचित और पिछड़े समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।