कर्नाटक में हिजाब को लेकर फिर बवाल; सरकार ने एग्जाम सेंटर पर इसे पहनने की दी इजाजत, विरोध की आवाजें
एमसी सुधाकर ने रविवार को कहा कि लोग अपनी मर्जी के हिसाब से कपड़े पहनने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी लोग अपनी इच्छा के अनुसार कपड़े पहन सकते हैं।'
कर्नाटक सरकार ने छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान हिजाब पहनने की इजाजत दे दी है। इस फैसले से एक बार फिर उस मसले पर बहस शुरू हो गई है जिसने पिछले साल काफी विवाद खड़ा किया था। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने हिजाब को लेकर यह आदेश जारी किया है। एक तरफ जहां हिंदू समर्थक समूहों ने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की धमकी दी है, वहीं दूसरी ओर सुधाकर ने छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति देने के फैसले का बचाव किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एमसी सुधाकर ने कहा कि लोग अपनी मर्जी के हिसाब से कपड़े पहनने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी लोग अपनी इच्छा के अनुसार कपड़े पहन सकते हैं।' हायर एजुकेशन मिनिस्टर ने निर्देश दिया कि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा शुरू होने से कम से कम एक घंटे पहले एग्जाम सेंटर पहुंचना होगा। इस दौरान उनकी अच्छे से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह का गड़गड़ी नहीं चाहते हैं। यहां तक कि NEET एंट्रेंस एग्जाम में भी इसकी इजाजत होगी। हिजाब का समर्थन करने वाली छात्राओं के लिए इसे बड़ी राहत माना जा रहा है।
आदेश के खिलाफ विरोध करने की धमकी
एमसी सुधाकर ने हिजाब को लेकर इस आदेश के खिलाफ विरोध करने की धमकी देने वाले समूहों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'मैं इन लोगों के तर्क को नहीं समझ पाता हूं। यह तो एक तरह का चयनात्मक विरोध है।' उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोई किसी और के अधिकारों का उल्लंघन कैसे कर सकता हैं। हमारा देश तो एक धर्मनिरपेक्ष देश है। मालूम हो कि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को लेकर जनवरी, 2022 में उस समय विवाद खड़ा हुआ, जब उडुपी महिला प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में मुस्लिम स्कूली छात्राएं हेडस्कार्फ पहनकर कक्षाओं में शामिल हुईं। इसके खिलाफ छात्रों के एक समूह से जोरदार प्रदर्शन किया था।