खालिदा की पार्टी ने निकाली भारत विरोधी रैली, हजारों बांग्लादेशी त्रिपुरा सीमा पर आए; बढ़ाई गई सुरक्षा
- बीएनपी दो दिसंबर को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा उसके राजनयिक मिशन में जबरन दाखिल होने की कोशिश का विरोध कर रही है।
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। विशेषकर अखौरा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट पर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। यह कदम बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और उसके सहयोगी संगठनों जैसे जातीयताबादी जुबादल, स्वेच्छा सेवक दल, और छात्र दल द्वारा आयोजित 'लॉन्ग मार्च' और 'अगरतला चलो' प्रदर्शन के मद्देनजर उठाया गया है।
BNP बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के दौरान प्रमुख विपक्षी पार्टी रही है। इस पार्टी को भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। एक दिन पहले बुधवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से जुड़े हजारों युवा और छात्र संगठनों के सदस्यों ने राजधानी ढाका से भारत के साथ लगती पूर्वी सीमा तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने इस महीने की शुरुआत में एक राजनयिक मिशन पर हुए हमले और भारत में बांग्लादेशी झंडों के कथित अपमान के प्रति अपना विरोध जताया।
यह मार्च बांग्लादेश की राजधानी ढाका के नयापलटन इलाके में BNP मुख्यालय से शुरू हुआ। हालांकि, नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह मार्च अखौरा चेकपोस्ट पर ही समाप्त होगा। कारों में सवार प्रदर्शनकारी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए ब्राह्मणबारिया जिले के अखौरा में सीमा पर पहुंचे। सीमा क्षेत्र के लिए रवाना होने से पहले, उन्होंने ढाका में संक्षिप्त जनसभा की जिसमें नेताओं ने बांग्लादेश के खिलाफ ‘‘भारतीय आक्रामकता’’ की आलोचना की। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया नीत बीएनपी दो दिसंबर को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा उसके राजनयिक मिशन में जबरन दाखिल होने की कोशिश का विरोध कर रही है। सीमा की ओर जाते समय प्रदर्शनकारियों का दल कई स्थानों पर रुका, जहां जिया के समर्थकों ने उनका स्वागत किया और बुधवार को रैली भी निकाली।
त्रिपुरा के पश्चिमी जिले के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने बताया कि सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन अतिरिक्त सुरक्षा के साथ पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने संयुक्त अभियान चलाए हैं। उन्होंने कहा, "पिछले एक सप्ताह से हम क्षेत्रीय वर्चस्व अभियान और गश्त कर रहे हैं। चेकपोस्ट पर अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।"
अखौड़ा चेकपोस्ट भारत-बांग्लादेश सीमा पर दूसरा सबसे बड़ा चेकपोस्ट है। इस पर सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया गया है। यह कदम 20-21 दिसंबर को अगरतला में आयोजित होने वाले पूर्वोत्तर परिषद के पूर्ण सत्र के मद्देनजर भी उठाया गया है। इस सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, और आठों पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भाग लेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेशी सीमा सुरक्षा बल ने अखौड़ा पर अगरतला की ओर बढ़ रही रैली को अपने क्षेत्र में ही रोक दिया। बता दें कि अगस्त में शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण भारत में भी तनाव बढ़ा है। बांग्लादेश के एक विश्वविद्यालय में भारतीय तिरंगे का अपमान और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद अगरतला में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस का पुतला भी फूंका। किरण कुमार ने कहा कि क्षेत्र में शांति बनी हुई है और किसी प्रकार का तनाव नहीं है। सुरक्षा बलों ने क्षेत्रीय समुदायों के साथ समन्वय स्थापित किया है और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।