India Bangladesh: चीन में जाकर खुद को समंदर का रक्षक बताने वाले यूनुस अब भारत से गुहार लगाने पर आ गए हैं। यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और नेपाल से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।
इस निलंबन का मतलब है कि पिछले 20 वर्षों से अधिक समय तक देश का नेतृत्व करने वाली अवामी लीग अब अगले राष्ट्रीय चुनावों में हिस्सा नहीं ले सकेगी, जब तक कि प्रतिबंध हटाया नहीं जाता।
रहमान का बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ा हुआ है
बांग्लादेश की हाईकोर्ट ने फरवरी में यूनुस सरकार को दो सप्ताह का समय देकर यह बताने को कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास को बेल क्यों ना दिया जाए। चिन्मय दास पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था
बैंकों ने केंद्रीय बैंक से नोटों की डिमांड की है, लेकिन अब तक सप्लाई नहीं हुई है। इस साल अप्रैल की शुरुआत में सरकार ने अचानक ही फैसला ले लिया कि उन सभी नोटों और सिक्कों को प्रचलन से बाहर किया जाएगा, जिनमें शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें हैं। यह फैसला लेने से पहले कोई नई करेंसी छापी नहीं गई थी।
शेख हसीना ने अपने कार्यकाल में कट्टर धार्मिक संगठनों को कड़ा जवाब देते हुए महिलाओं के अधिकारों को बढ़ाने के लिए एक सरकारी आयोग बनाया था। अब धार्मिक संगठनों ने महिला और पुरुषों में समानता को विकृत और पश्चिमी सोच करार दिया है।
बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार द्वारा चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों को प्राथमिकता देने की खबरों ने भारत की चिंताओं को और गहरा कर दिया है।
लेखिका तसलीमा नसरीन ने मांग की है कि मोहम्मद यूनुस को सत्ता से हटाना जरूरी है, तभी बांग्लादेश में हिंदू बच पाएंगे। उनका यह बयान हिंदू नेता भावेश चंद्र की नृशंस हत्या के बाद आया है।
बंगाल में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए तैनात किया गया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ 15 सालों में पहली विदेश सचिव लेवल की मीटिंग में सार्वजनिक माफी की मांग की है। इसके अलावा अविभाजित देश की संयुक्त राशि में से अपना हिस्सा देने की मांग की है।