दिल्ली में कितने बांग्लादेशी? LG के आदेश पर पुलिस ऐक्शन शुरू; इन इलाकों में घर-घर जाकर चेकिंग
दिल्ली में अवैध रूप से कितने बांग्लादेशी रह रहे हैं। इसका पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। यह कदम उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों पर नकेल कसने के निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है।
दिल्ली में अवैध रूप से कितने बांग्लादेशी रह रहे हैं। इसका पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। यह कदम उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों पर नकेल कसने के निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि टीमें बनाई गईं और उन्हें कालिंदी कुंज, शाहीन बाग और जामिया नगर सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में भेजा गया। टीमें घर-घर गईं और निवासियों के आधार और वोटर आईडी की जांच करके उनकी पहचान की पुष्टि की।
इससे पहले एलजी सचिवालय ने पुलिस को दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करने के लिए दो महीने का विशेष अभियान चलाने और समयबद्ध तरीके से मौजूदा नियमों के अनुसार कार्रवाई करने को कहा था। यह कदम दरगाह हजरत निजामुद्दीन और बस्ती हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा पिछले शनिवार को एलजी वीके सक्सेना को दिए गए ज्ञापन के मद्देनजर उठाया गया, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई थी।
एलजी के प्रधान सचिव ने पत्र में कहा, 'प्रमुख उलेमाओं और मुस्लिम निवासियों ने अनुरोध किया है कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को न तो किराए पर घर दिया जाना चाहिए और न ही उन्हें किसी संस्थान में रोजगार दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने अनुरोध किया है कि उनके बच्चों को किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में एडमिशन नहीं दिया जाना चाहिए। मुस्लिम नेताओं ने सड़कों, फुटपाथों, पार्कों और अन्य सरकारी जमीनों से अवैध घुसपैठियों को हटाने की भी मांग की है, जिन पर उन्होंने जबरन कब्जा कर रखा है।'
पत्र में आगे लिखा है, 'बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा अवैध रूप से हासिल किए गए आधार कार्ड, वोटर आईडी या किसी अन्य सरकारी दस्तावेज जैसे किसी भी दस्तावेज को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि अतीत की तरह, दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत वापस भेजा जाना चाहिए।'