भारत के ऑपरेशन सिंदूर से इजरायल गदगद, आतंक की लड़ाई में साथ देने का किया ऐलान
इजराइल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (आरईएस) आमिर बारम ने गुरुवार को भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को इजरायल का पूरा समर्थन बताया।

पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से इजरायल गदगद हो गया है। उसने आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई में भी पूरी तरह से साथ देने का ऐलान किया है। ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए इजरायल ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है। पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हवाई हमले किए थे। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए थे। जैश और लश्कर के कैंपों को भी तबाह कर दिया गया।
इजराइल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (आरईएस) आमिर बारम ने गुरुवार को भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को इजरायल का पूरा समर्थन बताया। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की भी सराहना की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा की।
इससे पहले, भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने इजरायल के समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा था कि इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोष लोगों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं है। इसके अलावा, भारत के एक और करीबी दोस्त रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कहा था कि रूस आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और इसका विरोध करता है। इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एकजुट होना जरूरी है।
पहलगाम आतंकी हमले पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आई थीं। अमेरिका, चीन, रूस समेत दुनियाभर के देशों ने आतंकवादी हमले की निंदा की थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी गुरुवार को कहा है कि भारत पाकिस्तान तनाव के दौरान भारत को काफी अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है। भारत के पास यूएनएससी का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जवाबदेह ठहराया भी गया।