पूर्व CJI चंद्रचूड़ को रिटायरमेंट के छह महीने बाद मिली बड़ी जिम्मेदारी, कहां हुई नियुक्ति?
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें न्यायपालिका में एक प्रगतिशील आवाज के रूप में माना जाता है।

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू), दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है। संस्थान ने इसे भारतीय विधि शिक्षा में एक परिवर्तनकारी अध्याय करार दिया है। पूर्व सीजेआई को यह जिम्मेदारी उनके रिटायरमेंट के छह महीने बाद मिली है। वह नवंबर महीने में सीजेआई पद से रिटायर हुए थे।
एनएलयू, दिल्ली ने गुरुवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की नियुक्ति की घोषणा करते हुए 'एक्स' पर जारी पोस्ट में कहा, ''हम भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़ का राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में स्वागत करते हुए बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'' पोस्ट में एनएलयू के कुलपति जी. एस. बाजपेयी के साथ चंद्रचूड़ की तस्वीर भी साझा की गई है।
बाजपेयी ने इस घटनाक्रम को कानूनी शिक्षा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण करार देते हुए कहा, ''यह ऐतिहासिक जुड़ाव भारतीय कानूनी शिक्षा में एक परिवर्तनकारी अध्याय का प्रतीक है, जो हमारे सबसे प्रगतिशील न्यायविदों में से एक को अगली पीढ़ी के कानूनी दिमागों का मार्गदर्शन करने के लिए लाता है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की उपस्थिति हमारे शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को और समृद्ध करेगी।''
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें न्यायपालिका में एक प्रगतिशील आवाज के रूप में माना जाता है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने उच्चतम न्यायालय में 13 मई 2016 से शुरू कार्यकाल में 38 संविधान पीठों में हिस्सा लिया तथा अयोध्या भूमि विवाद, सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, निजता के अधिकार तथा अनुच्छेद 370 को हटाने सहित कई मुद्दों पर ऐतिहासिक फैसले दिए।