'मेहुल चोकसी को कैंसर है, भाग नहीं सकता', हीरा कारोबारी के वकील ने क्या बताया
- मेहुल चोकसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बेल्जियम गया था। अब वह इलाज कराने की आड़ में स्विट्जरलैंड भागने की तैयारी कर रहा था। चोकसी हिर्सलैंडन क्लिनिक आराऊ में कैंसर का इलाज कराने के लिए स्विट्जरलैंड जाने वाला था।

भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। भारतीय जांच एजेंसियों की ओर से प्रत्यर्पण की मांग के बाद यह ऐक्शन लिया गया। चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी का आरोप है। इस मामले में चोकसी का भांजा व हीरा व्यापारी नीरव मोदी भी प्रमुख संदिग्ध है। चोकसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बेल्जियम गया था। अब वह इलाज कराने की आड़ में स्विट्जरलैंड भागने की तैयारी कर रहा था। चोकसी हिर्सलैंडन क्लिनिक आराऊ में कैंसर का इलाज कराने के लिए स्विट्जरलैंड जाने वाला था। हालांकि, भारतीय जांच एजेंसियों ने उसके प्लान को नाकाम कर दिया। मालूम हो कि भारत छोड़ने के बाद से वह 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था।
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद औपचारिक कागजी कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि चोकसी मेडिकल आधार पर जमानत मांग सकता है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि उनके मुवक्किल को बेल्जियम पुलिस ने शनिवार को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, वह जेल में हैं और वहां प्रक्रिया के तहत जमानत के लिए आवेदन नहीं कर सकते, लेकिन अपील दायर कर सकते हैं। अपील के दौरान अनुरोध किया जाता है कि उसे हिरासत में न रखा जाए। उसे हिरासत में न रहते हुए खुद का बचाव करने और प्रत्यर्पण अनुरोध का विरोध करने की इजाजत दी जाए।’ उन्होंने कहा कि अपील के लिए स्पष्ट आधार यह होगा कि चोकसी के भागने का जोखिम नहीं है। वह बहुत बीमार है और कैंसर का इलाज करवा रहा है।
मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज
सूत्रों ने बताया कि कुछ समय पहले ही मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस को हटा दिया गया था और तभी से भारतीय एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाने के प्रयास में लगी हैं। प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत भारतीय एजेंसियों ने 2018 और 2021 में मुंबई की विशेष अदालत से जारी 2 ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट बेल्जियम अधिकारियों को भेजे हैं। ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट का मतलब ऐसे वारंट से है जो किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है और उसकी कोई समयसीमा नहीं होती। यह वारंट तब तक वैध रहता है जब तक कि इसे अदालत की ओर से रद्द न कर दिया जाए या आरोपी को गिरफ्तार न कर लिया जाए।
आखिर क्या है पीएनबी लोन घोटाला
मेहुल चोकसी, उसके भांजे व भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों व कर्मचारियों, बैंक अधिकारियों पर गंभीर आरोप हैं। 2018 में मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में ऋण धोखाधड़ी के आरोप में एजेंसियों की ओर से मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि चोकसी, उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स और अन्य ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करके लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए। बिना निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट की सीमा को बढ़ाया और बैंक के साथ धोखाधड़ी की। सीबीआई ने इस मामले में चोकसी के खिलाफ2 आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जबकि ईडी ने इस तरह की 3 शिकायतें दर्ज की हैं। इस मामले में ईडी और सीबीआई के कानूनी अनुरोध के आधार पर 2019 में हिरासत में लिए जाने के बाद से भगोड़ा आर्थिक अपराधी नीरव लंदन की जेल में बंद है। वह भारत में प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है।