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दिल्ली चुनाव: रात को 11 बजे कैसे बढ़ जाता है वोट परसेंट, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया

Delhi Assembly Election 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि कैसे रात 11 बजे तक वोटिंग परसेंट बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि शाम 6 बजे तक वोटिंग ही हो रही होती है, जबकि कई इलाकों या मतदान केंद्रों पर वोटिंग इसके बाद तक चलती रहती है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तानTue, 7 Jan 2025 03:07 PM
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Delhi Assembly Election Date Announcement 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने जा रहा है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने उन सभी आशंकाओं और सवालों का जवाब दिया, जिन पर लोकसभा चुनाव के दौरान उंगली उठाई गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि कैसे रात 11 बजे तक वोटिंग परसेंट बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि शाम 6 बजे तक वोटिंग ही हो रही होती है, जबकि कई इलाकों या मतदान केंद्रों पर वोटिंग इसके बाद तक भी चलती रहती है और इसके बाद ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में पहुंचाए जा रहे होते हैं तो, इस दौरान पहले वे सारे काम सुनिश्चित कराए जाएं या पहले वोटिंग परसेंट का डेटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि ये सारे काम निपटाने के बाद जो डेटा आता है, उसे जारी किया जाता है जो स्वभाविक तौर पर शाम 6 बजे के आंकड़े से ज्यादा होता है।

इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात से इनकार किया कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। ईवीएम में वायरस नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि चुनावों में पारदर्शिता हमारी उच्च प्राथमिकता है।

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मुख्य चुनाव ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की बात में दम नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि ईवीएम हैक नहीं हो सकती लेकिन ईवीएम पर शक जताने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि चुनाव से सात-आठ दिन पहले ईवीएम तैयार हो जाती है और मतदान के बाद एजेंट के सामने ईवीएम सील की जाती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम में अवैध वोट की संभावना नहीं है। ईवीएम की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने गलत तरीके से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और नाम हटाने के आरोपों पर भी जवाब दिया और कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि आयोग देशभर में निष्पक्ष चुनाव कराने को दृढ़संकल्पित है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इसकी बानगी इसी में छिपी है कि 2020 से 2024 के बीच 21 राज्यों में चुनाव हुए और इनमें से 15 राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें बनी हैं।

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