साइबर अपराधियों की आएगी शामत, क्या है भारत सरकार की e-Zero FIR योजना?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नई ‘ई-जीरो’ प्राथमिकी से साइबर अपराधियों को जल्दी पकड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बताया है कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने साइबर अपराधियों को जल्दी पकड़ने के लिए नई ‘ई-जीरो’ प्राथमिकी योजना शरू की है। अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के लिए प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू की गई यह नई प्रणाली राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज साइबर अपराधों को स्वचालित रूप से प्राथमिकी में बदल देगी।
गृह मंत्री शाह ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “दिल्ली के लिए एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू की गई यह नई प्रणाली एनसीपीआर या 1930 पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराधों को स्वतः प्राथमिकी में परिवर्तित करेगा। नई प्रणाली से जांच में तेजी आएगी, जिससे साइबर अपराधियों पर सख्ती हो सकेगी।” उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रही है।
देशभर में होगी लागू
‘ई-जीरो’ पर जानकारी देते हुए अमित शाह ने कहा कि 10 लाख रुपए की सीमा से ऊपर के सभी मामले पर यह योजना काम करेगी। उन्होंने कहा है कि इस पहल को जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। वहीं एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि हाल की एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्री शाह ने साइबर वित्तीय अपराधों के पीड़ितों को गंवाए हुए पैसे को वापस हासिल करने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इस पहल को लागू करने के निर्देश दिए थे।
1930 से FIR दर्ज कराना हुआ आसान
बता दें कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 ने साइबर वित्तीय अपराधों से संबंधित शिकायतों की आसान रिपोर्टिंग और त्वरित कार्रवाई को सक्षम बनाया है। शुरू की गई नई प्रक्रिया में आई4सी की एनसीआरपी प्रणाली, दिल्ली पुलिस की ई-प्राथमिकी प्रणाली और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) का एकीकरण शामिल है।
तीन दिन के भीतर नियमित प्राथमिकी
अब एनसीआरपी और 1930 पर 10 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय हानि से संबंधित शिकायतें स्वचालित रूप से दिल्ली की ई-क्राइम थाने में ‘जीरो एफआईआर’ के रूप में दर्ज होंगी और इसे तुरंत संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों को भेजा जाएगा। शिकायतकर्ता तीन दिन के भीतर साइबर थाने में जाकर ‘जीरो एफआईआर’ को नियमित प्राथमिकी में परिवर्तित करा सकते हैं।