Hindi Newsकरियर न्यूज़CBSE topper Bihar: Shreeja left behind a five-year-old girl after mother death Father now wants to meet CBSE 10th topper

CBSE topper Bihar: 10वीं की टॉपर श्रीजा से अब मिलना चाहते हैं पिता, मां की मौत के बाद पांच साल की बच्ची को छोड़ गए थे

पांच साल की उम्र में जिस पिता ने बिन मां की बेटी को छोड़ दिया था, वही अब टॉपर बिटिया से बात करना चाहते हैं। सीबीएसई दसवीं रिजल्ट की घोषणा के दो दिन बाद श्रीजा के नाना और मामा से उसके पिता ने संपर्क कर

Anuradha Pandey वरिय संवाददाता, पटनाMon, 25 July 2022 07:21 AM
share Share

पांच साल की उम्र में जिस पिता ने बिन मां की बेटी को छोड़ दिया था, वही अब टॉपर बिटिया से बात करना चाहते हैं। सीबीएसई दसवीं रिजल्ट की घोषणा के दो दिन बाद श्रीजा के नाना और मामा से उसके पिता ने संपर्क करने का प्रयास किया। वे उससे बात करना और मिलना चाहते हैं। हालांकि उनकी फोन पर बात नहीं हो पाई है।

दरअसल, सीबीएसई दसवीं में राज्य टॉपर श्रीजा के संघर्ष और हौसले को सोशल मीडिया पर खूब शाबाशी मिल रही है। इस विडियो को दो दिनों में पांच लाख से अधिक लोग देख चुके हैं, जिसके बाद पिता ने संपर्क का प्रयास किया है। श्रीजा की मां रुचि सोनी की मौत के बाद पिता ने पांच साल की बच्ची को छोड़ दिया था। इसके बाद नाना सुबोध कुमार, नानी कृष्णा देवी और मामा चंदन सौरभ ने श्रीजा और उसकी छोटी बहन को पाला पोसा। इतने संघर्ष के बाद उसके टॉपर बनने की कहानी का एक विडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

इसमें उसकी नानी का इंटरव्यू है। नानी अपने दामाद यानि श्रीजा के पिता को कोसते हुए कह रही हैं कि मैं भाग्यशाली निकली कि मेरी बेटी (नातिन) ने नाम रोशन कर दिया है। आज जो जश्न मन रहा है यह उन्हीं के दरवाजे पर होता लेकिन यह मेरे दरवाजे पर हो रहा है। मेरी बेटी की मौत के बाद वे कभी नहीं आए दूसरी शादी कर ली थी। इसी विडियो को लोग बार-बार देख रहे हैं। श्रीजा के हौसले और उसके नाना-नानी को सलाम कर रहे हैं।

श्रीजा के मामा चंदन सौरभ ने बताया कि सातवीं तक डीएवी पाटलिपुत्र में पढ़ती थी। आठवीं में डीएवी बीएसईबी में नामांकन हुआ। सातवीं में उसे तत्कालीन प्राचार्य वीएस ओझा ने बेस्ट स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी दिया था।
कत्थक सिखाकर लौटाई मुस्कुराहट

मामा चंदन सौरभ ने बताया कि मेरी बहन की मौत के बाद वो काफी शांत हो गई। हंसना-मुस्कुराना भी छोड़ दिया था। इसके बाद उसे क्लासिकल नृत्य कत्थक सिखाने लगा। कत्थक नृत्य में चेहरे पर थोड़ी मुस्कान होनी चाहिए। नृत्य सीखने से उसके स्वभाव में थोड़ा बदलाव आया। नृत्य शिक्षिका द्वारा उसे चेहरे पर मुस्कान लाने को कहा जाता। इससे वह थोड़ा-थोड़ा मुस्कुराने लगी।

स्कूल की शिक्षिका मधुलिका झा ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई के अलावा उसे दूसरी चीजों से कोई मतलब नहीं होता है। स्कूल के प्राचार्य एमके दास ने बताया कि स्कूल के शिक्षकों द्वारा मानसिक स्तर पर उसे हमेशा सपोर्ट दिया जाता था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें