Hindi Newsबिहार न्यूज़Why did Prashant Kishore choose to go to jail instead of conditional bail Prashant Kishore told the reason

सशर्त जमानत छोड़ क्यों जेल का चुना रास्ता? प्रशांत किशोर ने बताई वजह, नीतीश सरकार पर बरसे

प्रशांत किशोर ने कहा जिस बिहार में गांधी जी ने सत्याग्रह की शुरूआत की, अगर उस बिहार में सत्याग्रह गुनाह है। तो हमें वो गुनाह मंजूर है, इसीलिए बेल रिजेक्ट की है। ये मेरी लड़ाई के खिलाफ है, उन युवाओं के साथ धोखा होगा। जिन्होने मेरे पर विश्वास रखकर जान जोखिम में डाली है।

sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 6 Jan 2025 05:43 PM
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बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर छात्रों के समर्थन में बीते 5 दिनों से अनशन पर बैठ जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को जेल भेज दिया गया है। हालांकि पटना की सिविल कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिली थी। लेकिन पीके ने बेल लेने इनकार कर दिया, और जेल जाना स्वीकार किया है। जिसके बाद प्रशांत किशोर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस दौरान पीके ने जेल का रास्ता चुनने की वजह भी बताई। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बिहार में युवाओं और महिलाओं पर लाठी चलाना जायज है, उसके खिलाफ आवाज उठाना क्राइम है, तो हम उस जुर्म को स्वीकार करते हैं, और जेल जाने को तैयार हैं।

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे कोर्ट से बेल मिली है, लेकिन उसमें एक बात लिखी है, कि आप फिर से ऐसा कोई गलत काम नहीं करेंगे। शब्द यही हैं, लेकिन उसका मोटिव दूसरा है। इसलिए मैंने उस बेल को रिजेक्ट कर दिया है, और जेल जाना स्वीकार किया है। ऐसा इसलिए किया, क्योंकि जो मौलिक लड़ाई है, अगर बिहार में युवाओं और महिलाओं पर लाठी चलाना जायज है, उसके खिलाफ आवाज उठाना क्राइम है, तो हम उस जुर्म को स्वीकार करते हैं, और जेल जाने को तैयार हैं।

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पीके ने कहा कि जिस बिहार में गांधी जी ने सत्याग्रह की शुरूआत की, अगर उस बिहार में सत्याग्रह गुनाह है। तो हमें वो गुनाह मंजूर है, इसीलिए बेल रिजेक्ट की। कोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं। लेकिन ये मेरी लड़ाई के खिलाफ है, उन युवाओं के साथ धोखा होगा। जिन्होने मेरे पर विश्वास रखकर जान जोखिम में डाली है। इसलिए जेल जाना स्वीकार किया है।

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प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे अनशन में कोई परिवर्तन नहीं हुआ हैं। पहले भी मैं 5 दिनों से पानी पर था, और जेल में भी पानी पीकर अनशन होगा। जब तक प्रशासन कोई रास्ता नहीं निकालेगा। ये बदलने वाला नहीं है। साथ ही पीके ने आंदोलनकारियों से आग्रह किया, कि पुलिस के साथ गलत बर्ताव न करें। वो अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, ऊपर से जो आदेश है, उसे लागू करते हैं। अगर आदेश लाठी चलाने का है, तो लाठी चला रहे हैं। बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए पीके ने कहा कि लाठीतंत्र चलाने वाले नीतीश और भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने का यह अभियान है।

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