Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor first election results to reveal Jan Suraaj party is balloon or has votes to dent RJD JDU BJP

जन सुराज गुब्बारा भर या बस्ते में वोट भी है? प्रशांत किशोर की पहली परीक्षा का रिजल्ट कल

  • दूसरों को लड़ाने वाले प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की पहली चुनावी परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को आ रहा है। चार सीटों के उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि दो साल से बिहार में घूम रहे पीके की पार्टी के बस्ते में वोट भी है या बस गुब्बारा ही उड़ रहा है।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 23 Nov 2024 09:11 AM
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वोटरों के बीच सर्वे और उसके हिसाब से चुनाव में नारे, वादे और घोषणापत्र गढ़ने के उस्ताद रहे प्रशांत किशोर ने खुद की पहली राजनीतिक और चुनावी परीक्षा एक साल पहले दे दी है। पदयात्रा कर रहे थे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में फाइनल खेलने के लिए लेकिन चार सीट के सेमी फाइनल में ही ललचा गए। शनिवार को रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज सीट के उपचुनाव के नतीजे जब आएंगे तो वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से ज्यादा जन सुराज पार्टी के सर्वेसर्वा प्रशांत किशोर की हाथ की लकीरों का लेखा-जोखा देंगे।

चार सीटों पर हार या जीत से नीतीश सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन उससे ये जरूर पता चलेगा कि दो साल से बिहार में घूम रहे प्रशांत किशोर की जन सुराज के पास वोट का बस्ता भी है या वो बस गुब्बारा भर है। जन सुराज को चुनाव आयोग ने स्कूली बस्ता चुनाव चिह्न आवंटित किया है। प्रशांत किशोर ने कई पार्टियों और नेताओं के लिए चुनावी रणनीति और प्रबंधन का काम देखा है लेकिन यह पहला चुनाव है जब वो खुद की बनाई पार्टी और खुद के नेतृत्व में लड़े जा रहे चुनाव का नतीजा देखेंगे।

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पहली चुनावी परीक्षा दे रहे प्रशांत किशोर को शुरुआती सबक मिल चुके हैं। तरारी में उन्होंने जन सुराज पार्टी का उम्मीदवार भारतीय सेना के रिटायर्ड उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को बनाया लेकिन बाद में पता चला कि वो बिहार के वोटर नहीं हैं और विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकते। फिर किरण देवी को टिकट दिया। बेलागंज में भी पीके को कैंडिडेट बदलना पड़ा। पहले प्रोफेसर खिलाफत हुसैन को मिला सिंबल बाद में मोहम्मद अमजद को दिया गया। बाद में पीके ने कहा कि जब नतीजे आएंगे तो पता चल जाएगा कैंडिडेट बदलना रणनीति है या गलती।

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रामगढ़ में जन सुराज पार्टी ने भाजपा और राजद के राजपूत कैंडिडेट के बीच एक कोइरी सुशील कुशवाहा को टिकट दिया है। इमामगंज एससी आरक्षित सीट पर भी पीके ने हम और राजद के मांझी के सामने जितेंद्र पासवान को उतारा है। पिछले साल विधान परिषद की शिक्षक सीट के लिए सारण में हुए चुनाव में जन सुराज समर्थित अफाक अहमद जीते थे। पार्टी बनने से पहले इस जीत ने जन सुराज और प्रशांत किशोर में जोश भर दिया था।

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उपचुनाव वाली सीटों में दो सीट राजद, एक सीट सीपीआई-माले और एक सीट हम की है। राजद ने रामगढ़ में बक्सर का सांसद बनकर सीट छोड़ने वाले सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह जबकि बेलागंज में जहानाबाद से सांसद बनकर इस्तीफा देने वाले सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को लड़ाया है। इमामगंज में राजद ने रोशन मांझी को उतारा है। सीपीआई माले ने तरारी में राजू यादव को टिकट दिया है जो आरा का सांसद बनने के बाद सीट छोड़ने वाले सुदामा प्रसाद से पहले एमएल के लिए लोकसभा लड़ते थे।

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एनडीए कैंप से चार सीटों में दो सीट भाजपा, एक जेडीयू और एक हम लड़ रही है। रामगढ़ सीट पर भाजपा ने पहले विधायक रह चुके अशोक सिंह को टिकट दिया है। बीजेपी ने तरारी में सुशील पांडेय को टिकट दिया है जो बाहुबली नेता और कई बार विधायक रहे सुनील पांडेय के बेटे हैं। हम ने इमामगंज में जीतनराम मांझी की सीट पर उनकी बहू दीपा मांझी को टिकट दिया है। जेडीयू को बेलागंज सीट मिली है और उसने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को लड़ाया है।

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