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Hindi Newsबिहार न्यूज़Patna High Court stern comment on Bihar Police said police not serious about order of even Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करती बिहार पुलिस, पटना हाईकोर्ट ने क्यों लगाई फटकार?

न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने विभिन्न अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की पुलिस सर्वोच्च न्यायालय और पटना हाईकोर्ट द्वारा पारित फैसलों की कोई परवाह नहीं करती है’। कोर्ट की इस टिप्पणी से बिहार के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाSat, 24 Aug 2024 01:02 AM
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पटना हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा सात साल से कम सजा वाले मामलों में अभियुक्तों को सीआरपीसी की धारा 41ए का लाभ नहीं दिये जाने को लेकर बिहार पुलिस पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने विभिन्न अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की पुलिस सर्वोच्च न्यायालय और पटना हाईकोर्ट द्वारा पारित फैसलों की कोई परवाह नहीं करती है’। कोर्ट की इस टिप्पणी से बिहार के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

उन्होंने कोर्ट में मौजूद लगभग आधा दर्जन जिलों के एसपी से कहा कि सात साल से कम सजा वाले मामलों में जब पुलिस को जमानत देने का अधिकार है तो पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर रही है? पुलिस के ऐसे रवैये से अदालत पर बोझ बढ़ता जा रहा है। यदि पुलिस सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों का सही ढंग से पालन नहीं करेगी तो वह अवमानना कार्रवाई की हकदार होगी। अदालत ने कहा कि ‘पुलिस केवल शराब के मामलों में आरोपित को पकड़ने में लगी है जैसे वह कोई कुख्यात अपराधी है।’ पुलिस को यह देखना चाहिए कि आरोपित की गिरफ्तारी जरुरी है या नहीं। यदि आरोपित का व्यवहार कानूनी प्रक्रिया के प्रतिकूल है तो वह आरोपित को गिरफ्तार करे।

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प्रगति रिपोर्ट के लिए राज्य सरकार को दो सप्ताह की मोहलत

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में छात्राओं के लिए स्वच्छ शौचालय और अन्य व्यवस्था के अभाव के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई की। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य के सभी स्कूलों में छात्राओं की संख्या के समुचित अनुपात में शौचालय एवं सैनिटरी नैपकिन को नष्ट करने वाली मशीनों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करें। कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया था कि इस संबंध में एक कमेटी गठित की जाये। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा और अधिवक्ता मानिनी जायसवाल ने पक्षों को प्रस्तुत किया। मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

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वकीलों की सुविधाओं पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी

राज्य की अदालतों में वकीलों के बैठने, कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव के मामले पर पटना हाईकोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई होगी। वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।

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