शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, 'हमें पंजाब सरकार के अनुरोध पर विचार करने का कोई आधार नहीं दिखता। राज्य सरकार जांच समिति के समक्ष गवाहों द्वारा दिए गए बयानों की सहायता के बिना दोषी अधिकारियों के खिलाफ अपनी जांच कर सकती है।'
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, '42वें संशोधन की पहले भी न्यायिक समीक्षा हो चुकी है। हम यह नहीं कह सकते कि संसद ने जो पहले किया था, वह सब कुछ गलत है।' यही नहीं बेंच का कहना था कि सेकुलरिज्म और सोशलिस्ट की परिभाषा को हमें पश्चिम के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने पीठ को सूचित किया कि वह अपने सुझावों के साथ-साथ मामले में अन्य पक्षों के सुझावों को समेकित करेंगी और एक संक्षिप्त संकलन दाखिल करेंगी।
कोर्ट ने कहा, 'यह बात समझ से बाहर है कि शिकायतकर्ता अपनी सहमति के बगैर अपीलकर्ता से मिलना जारी रखेगी या लंबे समय तक संपर्क बनाए रखेगी या शारीरिक संबंध बनाएगी।'
सुप्रीम कोर्ट ने यासीन मलिक मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई की अपील पर कहा है कि निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार सभी को है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आतंकवादी अजमल कसाब को भी निष्पक्ष सुनवाई का मौका दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तलाक की याचिका लंबित रहने के दौरान पत्नी को उसी तरह की सुविधाएं पाने का अधिकार है जो उसे ससुराल में मिलतीं।
यह मामला 2020 में त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर ₹14.82 करोड़ की सोने की तस्करी के पकड़े जाने के बाद सामने आया। यह सोना कथित तौर पर राजनयिक सामान में छिपाकर यूएई के वाणिज्य दूतावास के पते पर भेजा गया था।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज करने और अन्य चुनावी अनियमितता का आरोप लगाने संबंधी याचिका पर पहले नोटिस जारी किए थे।
सोमवार को प्रदूषण की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ को उस समय झटका लगा जब उन्हें पता चला कि दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद भी कोर्ट परिसर में निर्माण कार्य जारी है।
Supreme Court: उच्चतम न्यायालय में मामलों की सुनवाई के संबंध में शनिवार को एक नया परिपत्र जारी किया गया। परिपत्र के अनुसार, बुधवार और गुरुवार को नियमित सुनवाई वाले मामले सूचीबद्ध नहीं होंगे।
ब्राजील के उच्चतम न्यायालय की ओर से इस घटना पर बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि सत्र समाप्त होने के बाद शाम को करीब साढ़े 7 बजे दो बार तेज धमाकों की आवाज सुनी गई। ऐसे में सभी न्यायाधीश और कर्मचारी सुरक्षित रूप से भवन से बाहर निकल गए।
PIL में भड़काऊ भाषणों को रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने और सार्वजनिक व्यवस्था तथा राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालने वाले बयान देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अनिवार्य करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।
एक फैसले में लॉर्ड डेनिंग ने कहा था, ‘सबसे गरीब आदमी अपनी झोपड़ी में बैठकर राजा की सारी ताकतों को चुनौती दे सकता है। यह घर कमजोर हो सकता है। उसकी छत हिल सकती है, हवा इसके अंदर आ सकती है। तूफान आ सकता है। बारिश की बूंदें अंदर आ सकती है, लेकिन इंग्लैंड का राजा अंदर नहीं आ सकता।’ उसका ही जिक्र हुआ।
राज्य सरकार का कहना है कि इसका फायदा गरीब दलित समुदायों को मिलेगा, जो अब तक लाभ से वंचित रहे हैं। इस आदेश के बारे में विस्तृत जानकारी अब हरियाणा के मुख्य सचिव की वेबसाइट पर दी गई है। इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे आरक्षण लागू होगा और किन लोगों को कैसे मिलेगा।
यूपी की योगी सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। कहा कि यह फैसला संगठित अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों में कानून का डर पैदा करने में मदद करेगा।
बिना कारण बताओ नोटिस के बुलडोजर ऐक्शन की अनुमति नहीं है। नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाना चाहिए तथा ध्वस्त किए जाने वाली इमारत के बाहर भी चस्पा होना चाहिए। कोई भी कार्रवाई करने से पहले नोटिस की तिथि से कम से कम 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए।
बेंच ने कहा कि प्रशासन जज नहीं बन सकता और सिर्फ इसलिए किसी की प्रॉपर्टी नहीं ढहाई जा सकती कि संबंधित व्यक्ति आरोपी या दोषी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि बदला लेने के लिए बुलडोजर ऐक्शन नहीं हो सकता। शीर्ष अदालत ने इसके लिए नियम भी तय किए हैं।
SC on Bulldozer Action: बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गाइडलाइंस को फॉलो किए मकान गिराने की कोई कार्रवाई नहीं होगी।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि ध्वस्तीकरण अभियान को पूरी तरह से कानून के तहत और पारदर्शी तरीके से किया जाए। जिन अधिकारियों ने पहले ऐसे अभियान चलाए हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए।
सीबीआई द्वारा दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रेसिडेंट एसोसिएशन को लताड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मा
लोदी युग के मकबरे पर डीसीडब्ल्यूए द्वारा अवैध कब्जे की अनुमति देने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की भी कोर्ट ने खिंचाई की, जिसने उस मकबरे के अंदर झूठी छतें लगाई थीं और बिजली के पंखे और फर्नीचर लगवाए थे।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल तीन जुलाई को भारती के खिलाफ सुल्तानपुर अदालत में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसके बाद यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया गया था।
CJI Justice Sanjiv Khanna ने पुरानी परंपरा को बदलते हुए कहा कि अब कोई मौखिक उल्लेख नहीं होगा। केवल ई-मेल या लिखित पत्र के जरिए ही तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध स्वीकार किया जाएगा। वजह भी बताने होंगे।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि कुछ लोगों ने CFSL यानी सेंट्रल फॉरेंसिक साइंटिफिक लेबोरेटरी से ह्यूमन ब्रेन रीडिंग मशीनरी हासिल कर ली है और उसका इस्तेमाल उनके ऊपर किया गया।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका शामिल हैं।
पराली जलाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई चल रही थी।
पीठ ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे प्रतिबंध आदेश से संबंधित सभी पक्षों को तुरंत सूचित करें और यह सुनिश्चित करें कि पटाखों की बिक्री और निर्माण न हो।
फातिमा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि हाई कोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर रहा है और इसे किसी न किसी बहाने से स्थगित किया जा रहा है।
जस्टिस संजीव खन्ना भी खुद से पहले मुख्य न्यायाधीश रहे डीवाई चंद्रचूड़ की तरह ही जजों की फैमिली से आते हैं। उनके पिता जस्टिस देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे। इसके अलावा उनके चाचा एचआर खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। इस तरह दो पीढ़ियों की न्यायिक विरासत जस्टिस संजीव खन्ना के साथ है।
जस्टिस संजीव खन्ना आज राष्ट्रपति भवन में अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वह भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और छह महीने तक इस पद पर रहेंगे।