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काम की खबरः ट्रेन से गिरकर मौत पर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, मृतक के परिजन को 8 लाख मिलेंगे

कोर्ट ने रेल मंत्रालय की ओर से जारी गजट अधिसूचना 22 दिसम्बर 2016 का हवाला देते हुए कहा कि मुआवजा को लेकर उत्पन्न भ्रम को समाप्त करने के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तानFri, 9 Aug 2024 03:45 AM
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पटना हाईकोर्ट ने ट्रेन से गिरकर होने वाली मौतों के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। इस आदेश से आमजनों को बड़ी राहत मिलेगी। कोर्ट ने ऐसे मामलों में आठ लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी सूरत में आठ लाख रुपये से कम का मुआवजा नहीं मिलेगा। न्यायमूर्ति सुनील दत्त मिश्रा की एकलपीठ ने शत्रुघ्न साहू की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। बिहार में ट्रेन से गिर कर मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती है।

कोर्ट ने रेल मंत्रालय की ओर से जारी गजट अधिसूचना 22 दिसम्बर 2016 का हवाला देते हुए कहा कि मुआवजा को लेकर उत्पन्न भ्रम को समाप्त करने के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है। कोर्ट ने रेलवे दावा न्यायाधिकरण आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि यदि ब्याज सहित मुआवजा राशि 8 लाख रुपये से कम है तो उसे कम से कम आठ लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। कोर्ट को बताया गया कि आवेदक के पुत्र ने एक जून 2014 को गया जंक्शन जाने के लिए गाड़ी संख्या 53608 की द्वितीय श्रेणी का टिकट खरीदा था। अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन से टिकट लेकर ट्रेन में चढ़ा पर यात्रियों की धक्का-मुक्की के कारण वह चलती ट्रेन से गिर गया। ट्रेन से गिरने के चलते बिपुल साव गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल अनुग्रह नारायण लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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मृतक के पिता ने मुआवजा राशि के लिए पटना स्थित रेलवे दावा न्यायाधिकरण में केस दायर किया। न्यायाधिकरण ने आवेदक के अविवाहित पुत्र की मृत्यु पर 4 लाख रुपये का मुआवजा 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज के साथ देने का आदेश दिया। इस आदेश पर रेलवे ने पुनर्विचार अर्जी दायर कर ब्याज को चुनौती दी। न्यायाधिकरण ने अपने पूर्व के फैसला में संशोधन करते हुए 6 प्रतिशत साधारण ब्याज देने का आदेश दिया, जिसे आवेदक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने आवेदक और रेलवे की ओर से पेश दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला दिया।

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