पशुपति पारस की दही-चूड़ा सियासत, नीतीश और लालू को न्योता, चिराग को विदेशी बता छांट दिया
- श्रवण अग्रवाल ने कहा कि मकर संक्रांति पर भोज का आयोजन रामविलास पासवान द्वारा किया जाता था। उसी परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है। लालू यादव, नीतीश कुमार के अलावा दिलीप जायसवाल को भी निमंत्रण दिया जा रहा है।
बिहार में चूड़ा दही पर सियासी भोज की पुरानी परंपरा है। लालू यादव और नीतीश कुमार के दल की ओर से मकर संक्राति पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता रहा है। जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा भी मकर संक्रांति पर भोज देती है। इस साल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) की ओर से भोज का ऐलान किया गया है। 15 जनवरी को होने वाले इस भोज में बिहार विधानसभा चुनाव केंद्र में रहेगा। भोज में राजद सीएम नीतीश कुमार, सुप्रीमो लालू यादव को तो न्योता दिया गया है लेकिन पशुपति पारस के भतीजे और नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री चिराग पासवान को छांट दिया गया है।
रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि मकर संक्रांति पर चूड़ा दही भोज का आयोजन रामविलास पासवान द्वारा किया जाता था। उसी परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस भोज में सभी दलों के नेताओं को बुलाया जा रहा है, जिनमें नीतीश कुमार, लालू यादव के अलावे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को भी निमंत्रण दिया जा रहा है। लेकिन लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र और लोजपा-आर के अध्यक्ष चिराग पासवान का नाम छांट दिया गया है। चिराग को नहीं बुलाने के सवाल पर श्रवण अग्रवाल ने कहा कि यह देसी लोगों का भोज है। विदेशियों को इसमें नहीं बुलाया जाएगा।
श्रवण अग्रवाल ने कहा कि इसी दिन सबको दही का तिलक लगाकर विधानसभा चुनाव की तैयारी का शंखनाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान पटना में सबको दही-चूड़ा का भोज खिलाते थे। राजनीति में वे बड़ी लकीर खींच कर चले गए। उसे आगे बढ़ाने में पशुपति पारस लगे हैं। प्रिंस राज को न्योता देने का जिम्मा दिया गया है। सभी विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसद समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को बुलाया जा रहा है। खरमास समाप्त होने पर इसी दिन 2025 के समर में रण का ऐलान कर दिया जाएगा।
आरएलजेपी नेता ने चिराग पासवान का नाम नहीं लिया तो पत्रकारों ने सवाल पूछ दिया। इस पर प्रवक्ता ने जवाब में कहा कि हम लोग ठेठ बिहारी और देसला लोग हैं। इसलिए देसी लोगों को ही बुलाया जा रहा है। जिसका जन्म बिहार में नहीं हुआ, जो बिहार की संस्कृति को नहीं समझते और चाचा तथा भाई का सम्मान नहीं करते, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। चाचा को कह दिया कि आपके खून में फर्क है। जो ईस्ट इंडिया कंपनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष है, जो विदेशी कंपनी है, उसे नहीं बुला सकते। जो रामविलास पासवान को मानने वाले हैं, वे हीं भोज में आएंगे।