विजय सिन्हा ने कहा कि जब जब ये लोग सरकार में रहे सत्ता के दुरुपयोग से लेकर अपहरण और आतंक का कैसा खुला प्रदर्शन किया। जब सत्ता से बाहर रहते हैं तब अपराधियों और जालसाजों का ढाल बन जाते हैं।
बिहार में 90 सालों में ब्राह्मण, राजपूत जैसी कई बिरादरियों की आबादी में बड़ी कमी आई है। वहीं यादव, कोइरी जैसी ओबीसी बिरादरियों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। इससे समीकरण बदले नजर आ रहे हैं।
भाजपा की प्रमुख सहयोगी रही जद (यू) पिछले साल अगस्त में एनडीए से बाहर हो गई थी, जिसके बाद नीतीश ने अपनी सरकार बनाने के लिए राजद और अन्य महागठबंधन सहयोगियों से हाथ मिलाया।
कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच हाजीपुर सीट को लेकर बड़ा झगड़ा जारी है। दरअसल, यह सीट दिवंगत राम विलास पासवान का गढ़ रही है और दोनों ही नेता इस विरासत को साधने की कोशिश में हैं।
बिहार के सियासी समीकरण बदलते दिख रहे हैं। नीतीश कुमार का जिस कुशवाहा-कुर्मी समाज में जनाधार माना जाता है, उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने से वह थोड़ा दरक जरूर सकता है। इसके अलावा मांझी भी फायदा देंगे।
नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक के मुकाबले एक का फॉर्मूला दिया है। उनका सुझाव है कि यूपी, बिहार, बंगाल समेत तमाम राज्यों में भाजपा के मुकाबले विपक्ष का एक ही संंयुक्त उम्मीदवार उतारा जाए।
नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी से मुकाबले एक लिए एक फॉर्मूला पेश किया है। इसके तहत विपक्ष हर सीट पर भाजपा के मुकाबले एक साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम करेगा।
बिहार में कुशवाहा-कोरी समाज को लुभाने के लिए भाजपा ने बड़ा दांव चला है और सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाया गया है। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
बिहार में खुद के सीएम बनने को लेकर आरजेडी और जेडीयू नेताओं के बीच चल रही रस्साकशी के बीच तेजस्वी यादव ने पहली बार टिप्पणी की है। उन्होंने बुधवार को कहा कि मैं मुख्यमंत्री बनने की जल्दी में नहीं हूं।
प्रशांत किशोर बिहार में जमकर यात्रा कर रहे हैं। उनकी जन सुराज यात्रा गांव-गांव जा रही है और खासतौर पर उन पिछड़े इलाकों पर वह फोकस कर रहे हैं, जहां बड़े नेता ना पहुंचे हों। कुछ असर भी दिखने लगा है।