बीमार थी तो पति ने हाथ-पैर बांध रेप किया, रेलवे के स्टेशन मास्टर पर पत्नी ने किया केस
- चिकित्सक से दिखाई तो इंडोस्कोपी कराने का सलाह दी गयी। लेकिन पति के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया। मेरे साथ बीमारी की अवस्था में भी जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था। हाथ पैर बांधकर मेरे साथ दुष्कर्म भी किया जाता रहा।
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बिहार में एक महिला ने हाथ-पैर बांधकर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए अपने ही पति व अन्य के खिलाफ महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामला बेगूसराय जिले का है। 25 जनवरी को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में रेलवे स्टेशन मास्टर के पद कार्यरत पति कृष्ण कुमार दास उर्फ कृष्णा दास, ससुर भोला दास, सास पूनम देवी, जेठानी कबिता देवी आदि को नामजद बनाया गया है।एफआईआर में विवाहिता ने कहा है कि उनकी शादी 28 अप्रैल 2024 को बीहट नगर परिषद वार्ड -21 निवासी भोला दास के पुत्र कृष्ण कुमार दास के साथ हुई थी।
उनका पति कर्नाटक राज्य के दक्षिण पश्चिम रेलवे के जवलगुड्डा स्टेशन में स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत है। एफआईआर में पीड़िता ने कहा है कि विवाह के बाद जब ससुराल गयी तो सास, ससुर, जेठानी व अन्य मिलकर पलंग, गोदरेज, फ्रिज आदि नहीं लाने पर उलाहना देने लगी।
बीए की परीक्षा को लेकर वह मायका आयी। परीक्षा के बाद मेरे पति मुझे कर्नाटक ले गये। वहां का माहौल बदलने से वह बीमार पड़ गयी। चिकित्सक से दिखाई तो इंडोस्कोपी कराने का सलाह दी गयी। लेकिन पति के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया। मेरे साथ बीमारी की अवस्था में भी जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था। हाथ पैर बांधकर मेरे साथ दुष्कर्म भी किया जाता रहा।
प्रताड़ना की शिकायत मायका वालों से की तो तोड़ दिया मोबाइल
एफआईआर के अनुसार वह बहुत कमजोर हो गयी। मेरे पति को बीमारी नाटक लग रहा था। सारी स्थिति की जानकारी बड़ी बहन व अपने पिता को बतायी। उसके बाद पति ने आक्रोश जताते मेरा मोबाइल तोड़ दिया कि घर की जानकारी तुम मायका वालों को क्यों दिया? उसके बाद उनके पिताजी उन्हें सात नवंबर 2024 को कर्नाटक से मायका ले आये। मायका आने के बाद एक बार फिर से खून की उल्टी हुई। उसके बाद डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराया।
मेरे पिताजी मेरा पूर्ण इलाज कराने में सक्ष्म नहीं हो रहे हैं। इस बीच मेरे पति व ससुराल पक्ष के लोग ने मेरा मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। उसके बाद मेरे पति के द्वारा मैसेज देकर भी मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। गंदी-गंदी गालियां व बलेम लगाते रहते हैं। इस केस का अनुसंधानकर्ता दारोगा दिलीप कुमार को बनाया गया है।