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पुलों की एआई से निगरानी, हेल्थ कार्ड और तय होंगे इंजीनियरों के काम; नीतीश सरकार का क्या है प्लान

  • पुलों का हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। पुल संधारण नीति एवं अभियंताओं के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व निर्धारण पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से इस बाबत विस्तृत जानकारी दी गई है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSun, 26 Jan 2025 09:31 AM
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पुलों की एआई से निगरानी, हेल्थ कार्ड और तय होंगे इंजीनियरों के काम; नीतीश सरकार का क्या है प्लान

बिहार

के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि अभी विभाग के अन्तर्गत कोई पुल संधारण नीति नहीं है और न ही अभियंताओं के लिए कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व स्पष्ट रूप से निर्धारित है। इस संबंध में शीघ्र ही एक पुल संधारण नीति तैयार की जाएगी। स्वतंत्र एजेंसी से पुलों का ऑडिट कराया जाएगा। साथ ही अभियंताओं के कर्तव्य एवं दायित्व भी निर्धारित किये जाएंगे।

पुलों का हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। पुल संधारण नीति एवं अभियंताओं के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व निर्धारण पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से इस बाबत विस्तृत जानकारी दी गई है। पुल संरचना के संपूर्ण जीवनकाल के दौरान दो चरणों में इनके प्रबंधन एवं संधारण पर विचार किया जा रहा है।

पुलों को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में 1000 मीटर से लम्बे पुल, दूसरे भाग में 250-1000 मीटर से लम्बे पुल, तीसरे भाग में 60-250 मीटर और चौथे भाग में 60 मीटर से छोटे पुलों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आमजनों को सुगम यातायात उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है और विभाग इस दिशा में प्रयासरत है।

एआई से होगा पुलों की स्थिति का आकलन

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुलों के प्रमुख घटकों के वास्तविक स्थिति को दर्शाने के लिए पुलों का एक हेल्थ कार्ड भी बनाया जाएगा। अतिसंवेदनशील पुलों का प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत और आवश्यकता आधारित निर्माण कराया जाएगा। पुलों के प्रबंधन के लिए उसकी वास्तविक स्थिति का आकलन आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, मशीन लर्निंग, सेंसर डाटा रिर्पोट जैसे नये तकनीकों के माध्यम से किया जाएगा।

परियोजनाओं को तय सीमा के तहत पूर्ण करने के लिए अभियंताओं के कर्तव्य एवं दायित्वों का निर्धारण भी किया जा रहा है। परियोजनाओं में विलंब के कारण समय वृद्धि एवं लागत मूल्य में वृद्धि भी होती है। इसे गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदारी निर्धारित करने का कार्य भी किया जाएगा। विगत वर्ष राज्य के कई जिलों में बाढ़ के समय वर्षों पूर्व निर्मित कई छोटे पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसे देखते हुए पुल संधारण नीति लागू किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। साथ ही अभियंताओं का कर्तव्य एवं दायित्व भी निर्धारित रहेगा कि वे नियमित रूप से पुलों का अनुश्रवण करते रहें।

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