ड्रोन, बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम और जीपीएस, ऑपरेशन सिंदूर के बाद नेपाल-बांग्लादेश सीमा से सटे थाने होंगे हाईटेक
नेपाल और बांग्लादेश सीमा से तस्करी, मानव तस्करी और नकली नोटों का कारोबार जैसी गंभीर समस्याएं सामने आती रही हैं। हाईटेक थानों से इन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इससे न सिर्फ सीमाई क्षेत्रों की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए ये सक्षम होंगे।

पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से सटे थानों को हाईटेक बनाने की कवायद तेज हो गई है। सीमावर्ती जिलों में बिहार के सुपौल, अररिया और किशनगंज, पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी स्थित थानों को अब आधुनिक निगरानी उपकरणों और डिजिटल संचार प्रणाली से लैस किया जाएगा। ऐसे थानों को चिह्नित करने के साथ इन्हें हाईटेक तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा। गृह मंत्रालय से मिले दिशा-निर्देश पर कागजी प्रकिया भी शुरू कर दी गई है। पहले चरण में लगभग 30 थानों को चुना जाएगा। इनमें सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम और जीपीएस युक्त मोबाइल यूनिट्स लगाई जाएंगी।
नेपाल और बांग्लादेश सीमा से तस्करी, मानव तस्करी और नकली नोटों का कारोबार जैसी गंभीर समस्याएं सामने आती रही हैं। हाईटेक थानों से इन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इससे न सिर्फ सीमाई क्षेत्रों की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए ये सक्षम होंगे। इन थानों में डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड मैनेजमेंट और रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट्स भी तैयार की जाएंगी। इससे त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।
नेपाल का नो मेंस लेंड क्षेत्र स्थानीय थाना की पुलिस और सशस्त्र बल के जवानों के लिए हर वक्त चुनौती बनी रहती है। अक्सर संदिग्ध लोगों और जवानों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है। कुछ इसी तरह का मामला बांग्लादेश के सीमाई इलाकों में भी है। बीएसएफ के जवानों की तमाम मुस्तैदी को धता बताते हुए घुसपैठिए भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर ही जाते हैं। ऐसे मामलों से निपटने के लिए स्थानीय हाईटेक थाना अहम भूमिका निभाएगा।
सीमाई इलाकों के थानों को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद गृह मंत्रालय ने सीमाई इलाकों के थानों को सुदृढ़ करने को लेकर कई तरह के दिशा-निर्देश दिए हैं। कुछ माह जब गृह मंत्री अमित शाह किशनगंज के दौरे पर आए थे तो उन्होंने कहा भी था कि सीमाई इलाकों के थानों को बेहतर बनाया जाएगा। ताकि किसी भी विपरीत स्थिति से आसानी से निपटा जा सके। खुफिया विभाग की टीम लगातार गृह विभाग को पत्र लिखकर सीमाई इलाकों के थानों को सुदृढ़ करने के लिए कह चुकी है।
डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि सीमाई इलाकों के थानों पर विशेष ध्यान रखने के साथ इसे हाईटेक किया जा रहा है। सीमाई इलाके के थानों को चिह्नित कर लगातार निगरानी की जाती है। आधुनिक उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं। डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड मैनेजमेंट, लाइव फीड मॉनिटरिंग रूम और रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट्स लगाए जा रहे हैं।