जहरीली शराब कांड पर बिहार पुलिस लापरवाह? 2 मौत के 4 दिनों बाद भी जांच को नहीं पहुंचे अधिकारी
जांच की जिम्मेवारी एएसपी पूर्वी शहरेयार अख्तर को दी गई है। उन्होंने कहा कि अब तक खुलकर शराब से मौत के संबंध में कोई बयान नहीं दे रहा है। बताया कि गांव में जाकर छानबीन की जाएगी। रविवार की रात में तीन लोगों ने मुर्गा पार्टी के दौरान मिलावटी शराब पी थी।
बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से दो युवक असमय काल के गाल में समा गए। लेकिन इस कांड की जांच को लेकर पुलिस गंभीर नहीं दिखती। हथौड़ी थाने के डीहजीवर गांव में शराब पीने से दो की मौत की जांच के लिए शुक्रवार को चौथे दिन भी पुलिस जांच के लिए नहीं पहुंची। मृतक श्याम सहनी और मुकेश सहनी के परिजनों और ग्रामीणों में इसको लेकर आक्रोश है। बताया जा रहा है कि इलाके में और भी लोगों ने उसी लॉट का शराब पिया है और कानून कार्रवाई के डर से छिपे हुए हैं। हांलाकि आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की गयी है।
इधर, जांच की जिम्मेवारी एएसपी पूर्वी शहरेयार अख्तर को दी गई है। उन्होंने कहा कि अब तक खुलकर शराब से मौत के संबंध में कोई बयान नहीं दे रहा है। बताया कि गांव में जाकर छानबीन की जाएगी। रविवार की रात में तीन लोगों ने मुर्गा पार्टी के दौरान मिलावटी शराब पी थी। इसमें सबसे अधिक श्याम सहनी, उसके बाद मुकेश ने शराब पी थी। सोमवार दोपहर से शराब पीने वालों की हालत बिगड़ी। शाम में अस्पताल ले जाया गया। इसमें पहले श्याम सहनी की मौत हो गई, जबकि दूसरे दिन मुकेश ने भी दम तोड़ दिया। इलाज के बाद अस्पताल से लौटे विरोधी सहनी अंडरग्राउंड है।
बेटे की मौत से आहत मुकेश सहनी की मां की तबीयत बिगड़ गई है। उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। वह बार-बार बेहोश हो रही है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि अगर फोन पर टॉर्चर नहीं करती तो बेटे को इलाज कराकर बचा लेते।
वहीं, आजाद समाज पार्टी के युवा जिलाध्यक्ष मिथिलेश राम ने प्रशासन से मिलावटी शराब कांड और मुखिया नूरजहां के ससुर पर गोलीबारी मामले की जांच कर बदमाशों की गिरफ्तारी की मांग की है।