बाल विवाह कानूनन जुर्म है, इसमें शामिल लोगों पर होगा कार्रवाई: डीएम
पेज चार की लीडपेज चार की लीड बाल विवाह को लेकर प्रशासन की है कड़ी नजर दोषी पकड़े जाने पर होगी कानूनी कार्रवाई बांका। कार्यालय

बांका, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली,भारत सरकार एवं महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार, पटना के निर्देश के आलोक में आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर जिला प्रशासन बाल विवाह को लेकर पूरी तरह सजग है। इस संबंध में सोमवार को प्रेस वार्ता में डीएम अंशुल कुमार ने कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर कई सार्वजनिक जगहों पर सामुहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में कईबार देखा गया है कि लोग बाल विवाह भी करते हैं। बाल विवाह कानूनन जूर्म है तथा इसमें शामिल सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिलेभर में बाल विवाह की रोकथाम के लिए लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है। अनुमंडल पदाधिकारी-सह-बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी-सह-सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी तथा संबंधित सभी पदाधिकारियों और थानाध्यक्ष को आगामी 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के दौरान संभावित बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु विशेष निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि जिले के सभी संबंधित पदाधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों, विकास मित्रों,आंगनबाङी सेविका, जीविका दीदियों, एवं सभी धर्मों के धर्मगुरूओं तथा शादी समारोह के सभी सेवा प्रदाताओं यथा टेंट, कैटरर्स, बैंड बाजा -बत्ती ,मैरेज हॉल मालिक इत्यादि को भी बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु जागरुकता लाने तथा बाल विवाह को रोकने एवं इसकी सूचना दी गई है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लङके की शादी को बाल विवाह माना गया है और बाल विवाह कानूनन जुर्म है। इस तरह की शादी में शामिल वर-वधू पक्ष के अभिभावक और संबंधी सहित पंडित/मौलवी/सभी धर्मों के धर्मगुरू,टेंट, कैटरर्स, बैंड बाजा-बत्ती संचालक,शादी कार्ड प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाल मालिक, बारात एवं शादी में शामिल वैसे सभी व्यक्ति जिनकी सहभागिता किसी भी रूप में शादी में हुई हो, कानून में उनके लिए दंड का प्रावधान है। दंड के रूप में इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। कानून तोङने वाले सभी व्यक्ति दंड के भागी होंगें। जिला पदाधिकारी द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम को सख्ती से अनुपालन कराने का निदेश संबंधित पदाधिकारी को दिया गया है। साथ अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाह रोकथाम और निषेध को लेकर विशेष निगरानी रखने एवं बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्रवाई के लिए निदेशित किया गया। डीएम ने लोगों से अपील किया है कि अगर उन्हें बाल विवाह की सूचना मिलती है तो वे तुंरत प्रशासनिक पदाधिकारियों को इसकी सूचना दें।
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