एसटीपी : पंपिंग स्टेशन सात-नौ व 10 का ट्रायल रन कल तक
पंपिंग स्टेशन सात, नौ और 10 के साथ दो दिनों में शुरू होगा एसटीपी 30

भागलपुर, वरीय संवाददाता शहर के नालों के गंदे पानी को साफ करने के बाद गंगा नदी में प्रवाहित करने की शुरुआत बुधवार तक हो जाएगी। इसको लेकर बुडको की ओर से तैयारी की जा रही है। पहले पंपिंग स्टेशन संख्या सात, नौ और 10 का ट्रायल रन कराया जाएगा। इसके बाद 30 जून तक पंपिंग स्टेशन संख्या छह और आठ की भी शुरुआत हो जाएगी। जबकि अक्टूबर तक शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह से चालू हो जाएगा। दरअसल, बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बुडको) की ओर से दिसंबर 2024 में ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत देश में विभिन्न स्थानों पर बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में दिल्ली में आयोजित बैठक में योजना प्रस्तुत की गई थी। इसमें भागलपुर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तीन पंपिंग स्टेशनों के सहारे मार्च से ही शुरुआत कराए जाने की बात कही गई थी। लेकिन इसमें लगातार व्यवधान आने के कारण अब अप्रैल के आखिरी सप्ताह में योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी की जा रही है।
गंगा में सीधे गिरता है शहर के 100 से ज्यादा नालों का पानी
शहर के 100 से ज्यादा नाली-नालों का पानी सीधे गंगा नदी में गिरता है। इन्हें सीधे गंगा नदी में गिरने से रोकने को शहर के साहेबगंज स्थित पुराने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तोड़कर नए ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। नमामि गंगे परियोजना के तहत 385 करोड़ रुपये की लागत से इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो रहा है। कार्यदायी संस्था बुडको की ओर से निर्माण कार्य की जिम्मेदारी अडानी कंपनी को दी गई है।
43 नालों को प्लांट से जोड़ने की है योजना
योजना के अनुसार शहर के नालों का पानी पहुंचाने के लिए 43 नाले का निर्माण किया जाना है। 13.7 किमी राइजिंग मेन पाइप बिछाया जाना है, जबकि 10.1 किमी ट्रंक सीवर लाइन का कार्य होना है। 6.3 किमी के नाले से शहर के 100 से ज्यादा छोटे- बड़े नालों को जोड़ा जाना है। इन सभी को 10 पंपिंग स्टेशन के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाना है।
तीन साल से ज्यादा बीता, अबतक काम पूरा नहीं
गंगा नदी में गिरने वाले शहर के गंदे पानी को साफ करने के लिए 45 एमएलडी क्षमता का बन रहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तीन साल भी ज्यादा समय में पूरा नहीं हो सका है। शहर का करीब दो करोड़ लीटर गंदा पानी रोजाना गंगा नदी में गिरता है। नमामि गंगा परियोजना के तहत करीब 385 करोड़ रुपये की लागत से 45 एमएलडी क्षमता के इस ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की शुरुआत दिसंबर 2021 में ही कर दी गई, लेकिन अबतक इसे पूर्ण नहीं किया जा सका है। इसमें बड़ी बाधा पर्यावरण मंजूरी रही।
कोट-------
बिजली कनेक्शन के लिए बिजली विभाग को पैसा दे दिया गया है। अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है। दो दिन में पंपिंग स्टेशन नंबर सात-नौ व 10 का ट्रायल रन होगा। इसके बाद छह और आठ का 30 जून तक ट्रायल कराया जाएगा। अक्टूबर में एसटीपी का काम पूरा हो जाएगा।
-अखिलेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता, बुडको
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