Rising COPD Cases Expert Dr Sudhir Kumar Discusses Management Strategies दवा, कसरत व विटामिन सी-ई के सेवन से होगा सीओपीडी पर नियंत्रण: डॉ. सुधीर, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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दवा, कसरत व विटामिन सी-ई के सेवन से होगा सीओपीडी पर नियंत्रण: डॉ. सुधीर

भागलपुर में डॉ. सुधीर कुमार ने सीओपीडी की बढ़ती बीमारी पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि नियमित दवा, एक्सरसाइज, और विटामिन सी व ई का सेवन आवश्यक है। नई तकनीक वाले इन्हेंलर मरीजों को बेहतर राहत प्रदान कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 19 May 2025 01:52 AM
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दवा, कसरत व विटामिन सी-ई के सेवन से होगा सीओपीडी पर नियंत्रण: डॉ. सुधीर

भागलपुर, वरीय संवाददाता। पटना से आए डीएम पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि सीओपीडी की बीमारी इस दौर में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ती हुई बीमारियों में से एक है। सीओपीडी के प्रबंधन के लिए जरूरी है सीओपीडी से बचाव के तहत सीओपीडी का बीमार बनाने वाले कारकों से बचाव, नियमित दवा का सेवन, एक्सरसाइज यानी कसरत व प्रचुर मात्रा में विटामिन सी व ई का सेवन करना चाहिए। डॉ. कुमार, एपीआई (एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया) के भागलपुर चैप्टर द्वारा कचहरी चौक स्थित एक होटल में ‘रोल ऑफ ट्रिपल ड्रग इन सीओपीडी मैनेजमेंट विषयक सीएमई को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सीओपीडी विश्व की सबसे बड़ी बीमारी है। विश्व में सीओपीडी के कुल मामलों में से 20 प्रतिशत सीओपीडी के बीमार भारत में ही हैं। सीओपीडी धूल, धुआं, कुपोषण, धूम्रपान, गांजा के सेवन से होता है। उन्होंने कहा कि बीते दशकों में न केवल सीओपीडी के मामले बढ़े हैं, बल्कि इसके इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाएं में भी एडवांस हुई हैं। पहले सीओपीडी की दवा व सीरप ही होते थे। फिर कुछ सालों में इन्हेंलर सीओपीडी से बचाव के लिए उपलब्ध हुआ। हालांकि ये इन्हेंलर सीओपीडी से चार घंटे तक ही राहत दे पाते थे। जिससे कि मरीज को दिन में दो से तीन बार लेना होता था। लेकिन बाद में हुए रिसर्च में ऐसी इन्हेंलर बाजार में आये, जिससे कि श्वसन नली की सूजन में कमी आती है। साथ ही तीन प्रकार के दवा या इन्हेंलर मरीज को लेना पड़ता था। लेकिन अब तीनों दवा (विलन्ट्राल, फ्लूटिकासोन फ्यूरेट व उमेक्लिडिनियम) का संयुक्त इन्हेलर बाजार में उपलब्ध है। जो कि 24 घंटे में दो से तीन बार के बजाय एक ही बार लेना होता है और ये सांस की नली के सूजन को कम भी करता है। इसका सेवन करने वाले लोगों में पाया गया कि वे पहले की तुलना में सीओपीडी के कारण कम बीमार पड़ रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता एपीआई भागलपुर के अध्यक्ष डॉ. अंजुम परवेज व संचालन एपीआई भागलपुर के सचिव डॉ. मनीष कुमार ने की। जबकि सीएमई में चेयरमैन की भूमिका जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमशंकर शर्मा, मायागंज अस्पताल टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीरेंद्र कुमार शर्मा, टीबी एंड चेस्ट विभाग के पूर्व एचओडी डॉ. डीपी सिंह, मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी व डॉ. भरत भूषण ने निभाई। इस मौके पर मेडिसिन विभाग के डॉ. ओबेद अली, वरीय फिजिशियन डॉ. आरपी जायसवाल, डॉ. आनंद सिन्हा आदि की मौजूदगी रही।

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