एलकेवीडी काॅलेज के मैदान पर स्टेडियम का नहीं हुआ निर्माण
ताजपुर का डॉ एलकेवीडी कालेज का खेल मैदान पिछले दो वर्षों से स्टेडियम निर्माण का इंतजार कर रहा है। यह क्षेत्र का प्रमुख खेल मैदान है, जहां कई प्रतियोगिताएं होती हैं। विधायक रणविजय साहू ने मुद्दा उठाया,...

ताजपुर। स्थानीय डॉ एलकेवीडी कालेज ताजपुर का खेल मैदान पिछले दो साल से स्टेडियम बनने की राह देख रहा है। ताजपुर कालेज का खेल मैदान जिले के प्रमुख खेल मैदान में शुमार किया जाता है। मिली जानकारी के मुताबिक यह आसपास के इलाके अपने आप में इकलौता खेल मैदान है। यहां दर्जनों अंतरजिला एवं अंतर विश्वविद्यालय खेल आयोजित किये जा चुके हैं। ताजपुर को जननायक कर्पूरी ठाकुर का कर्मभूमि कहा जाता है। ताजपुर विधानसभा के अस्तित्व मे रहने तक जननायक कर्पूरी ठाकुर ताजपुर का प्रतिनिधित्व करते रहे। वर्तमान में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र दो लोकसभा एवं दो विधानसभा में विभक्त है। ताजपुर कालेज खेल मैदान की महत्ता को देखते हुए स्थानीय मोरवा के वर्तमान विधायक रणविजय साहू ने सदन में ताजपुर में खेल मैदान स्टेडियम नहीं होने का मुद्दा उठाया था।
जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा लोहिया कर्पूरी विशेश्वर दास महाविद्यालय (एलकेवीडी कालेज) में खेल मैदान स्टेडियम निर्माण कराने को लेकर भूमि नापी करवायी गई थी। भूमि मापी के सालभर बाद भी स्टेडियम निर्माण की दिशा में अग्रेत्तर पहल नहीं होने स्थानीय लोगों विशेष कर खेलप्रेमी युवाओ में असंतोष है। लोग बताते हैं कि खेल मैदान को ऊंचा करने की जरुरत है। भूमि नीची होने के कारण बरसात में इसमें पानी लग जाता है। इस बाबत पूछे जाने पर ताजपुर कालेज के प्रिंसिपल डॉ पीआर कर्ण ने बताया कि बीते वर्ष साल के शुरुआत में जिला से खेल विभाग के पदाधिकारी यहां आकर खेल मैदान में मापी कार्य किये थे। उसके बाद की कोई जानकारी उन्हें नहीं है। पेयजल व शौचालय की व्यवस्था नहीं ताजपुर कालेज खेल मैदान में पेयजल शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। मैदान में सालों भर विभिन्न प्रकार के खेल का आयोजन होता रहता है। कई डिफेन्स अकादमी के सैकड़ों छात्र छात्रा रोज इसी मैदान में आकर प्रैक्टिस करते हैं। पेयजल एवं शौचालय के अभाव में उन्हें काफी परेशानी होती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कालेज में इंटरमीडिएट एवं स्नातक के विभिन्न निकायों एवं विभिन्न सत्रों की परीक्षा सालोंभर होती रहती है। जिसमें छात्राओं की भागीदारी सर्वाधिक होती है। छात्राओं को लेकर आनेवाले अभिभावकों को इसी खेल मैदान के ईद गिर्द पूरा दिन गुजारना होता है। ऐसे में उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ता है। शौचालय नहीं रहने से भी परेशानी उठानी पड़ती है।
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