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कब है सर्व पितृ अमावस्या? इस दिन किन पितरों का होता है श्राद्ध

  • Sarva Pitru Amavasya 2024 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या पितरों की पुण्य तिथि मानी गयी है लेकिन आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष फलदायक होती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 28 Sep 2024 07:31 AM
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Sarva Pitru Amavasya : आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस साल पितृ विसर्जन अमावस्या अक्टूबर के महीने में पड़ रही है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या पितरों की पुण्य तिथि मानी गयी है लेकिन आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष फलदायक होती है। इस तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है। आइए जानते हैं सर्व पितृ अमावस्या की तिथि कब है व इस दिन किन लोगों का श्राद्ध कर सकते हैं-

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कब है सर्व पितृ अमावस्या?

साल 2024 में पितृ पक्ष की शुरुआत 01 अक्टूबर से हुई थी। अमावस्या तिथि 1 अक्टूबर 2024 के दिन रात 09 बजकर 39 मिनट से शूरू हो जाएगी, जो 02 अक्टूबर 2024 की रात 12 बजकर 18 मिनट तक रहने वाली है। वहीं, उदया तिथि के अनुसार, 02 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या मान्य होगी। इसी दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है।

शास्त्रों में कहा गया है कि जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है तो पितर पूर्वज अपने पुत्र पौत्र के यहां निश्चित रूप से आते हैं। विशेषकर आश्विन मास की अमावस्या के दिन वह दरवाजे पर आकर बैठ जाते हैं। उस दिन उनका तर्पण, श्राद्ध आदि क्रियाएं नहीं होने पर वह सभी अपने-अपने पुत्र पौत्रों को आशीर्वाद देने की जगह नाराज हो जाते हैं। इसलिए सभी को अपने-अपने पूर्वजों का तृप्ति करना चाहिए। इस प्रकार तर्पण करने से समस्त ब्रह्मांड का भी कल्याण होता है। बिना कुश पहने केवल हाथ से तर्पण नहीं करना चाहिए।

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सर्व पितृ अमावस्या किन पितरों का होता है श्राद्ध: पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ के अनुसार, जिन पितरों की पुण्यतिथि अपने परिजनों को ज्ञात नहीं होता है या किसी कारणवश जिनका श्राद्ध तर्पण पृथ्वी पक्ष के 15 दिनों में नहीं हो पाता है वह उनका श्राद्ध तर्पण दान इसी अमावस्या में करते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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