Margashirsha Amavasya 2024 : इस साल दिसंबर के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है।
हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है
सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया रात 9:13 बजे से रहेगा लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पंडित जी से जानें अमावस्या तिथि पर ग्रहण का प्रभाव, श्राद्ध कब तक किया जा सकता है, व श्राद्ध करने के बाद क्या करना चाहिए-
Sarva Pitru Amavasya: आज सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएगा। श्राद्ध शुभ मुहूर्त, विधि व सही तिथि के अनुसार करना चाहिए। आइए जानते हैं पितृपक्ष सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध के दिन किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Sarva Pitru Amavasya Shradh 15th Day : 2 अक्टूबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का 15वां दिन या सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध तिथि रहेगी। अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण व श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। जानें सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध किस समय करना शुभ रहेगा।
आज सर्व पितृ अमावस्या है। इसे पितृविसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं, जैसा नाम से पता चलता है कि इस दिन पितरों को विदा किया जाता है। ग्रहों की स्थिति आज देखें तो आज आज उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र एवं ब्रह्म योग व कन्या राशि के चंद्रमा की उपस्थिति है।
Sarva Pitru Amavasya 2024 Rahukal Time: सर्व पितृ अमावस्या पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जानें अमावस्या तिथि पर श्राद्ध कर्म के शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय-
Sarva Pitru Amavasya Shradh Niyam: सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म करने से पितरों को संतुष्टि व शांति मिलती है। पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा के लिए कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान न रखने पर पितरों की नाराजगी की झेलनी पड़ सकती है।
अश्विन अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितृ धरती लोक से विदा लेते हैं।इस दिन सभी पितरों को विदाई दी जाती है। इस दिन क्या नियम मानने चाहिए और क्या दान करना चाहिए यहां जानें
Sarva Pitru Amavasya 2024 Par Kya Daan Karna Chaiye: सर्व पितृ अमावस्या पर कुछ चीजों का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
सर्व पितृ अमावस्या पर दान, तर्पण, उपवास आदि किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस तरह खुश होकर पितृ आशीर्वाद देकर विदा हो जाते हैं। आइए जानें इस दिन क्या क्या करना चाहिए
आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 अक्टूबर को है। इस अमावस्या को 'महालय अमावस्या' या 'पितृ अमावस्या' भी कहा जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण दो अक्टूबर की रात में पड़ेगा। इससे 12 घंटे सूतक लग जाएंगे। मगर यह रात में लगने के कारण भारत में नजर नहीं आएगा। इसीलिए सूतक भी मान्य नहीं होंगे। इस दौरान सूर्य कन्या राशि में विराजमान होंगे।
Sarva Pitru Amavasya 2024 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या पितरों की पुण्य तिथि मानी गयी है लेकिन आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष फलदायक होती है।
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत अधिक महत्व होता है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इस साल 2 अक्टूबर 2024 को पितृ पक्ष का समापन हो जाएगा। 16 दिनों से चल रहे श्राद्ध पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या को होता है।
Amavasya October 2024 Date Sarva pitru amavasya: पितृपक्ष की अमावस्या बहुत खास मानी जाती है। इस अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं, इसे पितृविसर्जित अमावस्या, महालया और सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पितरों को विदाई दी जाती है और सभी भूले बिसरे पितरों का श्राद्ध किया जाता है।
शास्त्रों में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या का महत्व बताया गया है। पितरों का इस अमावस्या में श्राद्ध किये जाने पर इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। पितरों की तिथि याद न होने पर सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है।
Sarva Pitru Amavasya 2024 Kab Hai: पितृ पक्ष में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। अमावस्या के दिन ही पितर पृथ्वी लोक से विदाई लेते हैं। पितृ पक्ष के आखिरी दिन को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जानते हैं। जानें इस साल कब है सर्वपितृ अमावस्या-
Somvati Amavasya 2024 : श्राद्ध अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। स्कन्द पुराण के अनुसार, सोमवती अमावास्या के दिन, इस तीर्थ स्थान पर पितरों का श्राद्ध करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
Somvati Amavasya 2024: भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष अमावस्या इस बार सोमवार को पड़ रही है। हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है, इस दिन किया गया पूजा-पाठ और व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
27 अगस्त (मंगलवार) भाद्रपद कृष्ण नवमी रात्रि 01.34 मिनट तक। श्री गुग्गा नवमी। गोकुलाष्टमी। नंदोत्सव। 28 अगस्त (बुधवार) भाद्रपद कृष्ण दशमी रात्रि 01.20 मिनट तक। भद्रा दोपहर 01.27 मिनट से रात्रि 01.20 मिनट तक।
When is Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। साल में कुल 12 अमावस्या आती हैं। इस साल भाद्रपद मास में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। जानें कब है सोमवती अमावस्या-
Amavasya Upay: अगस्त महीने की अमावस्या आज है। अमावस्या पर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। सावन की अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से पैसों की दरिद्रता से राहत मिल सकती है।
Today panchang 4 August 2024: आज सावन की हरियाली अमावस्या है। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। सावन की हरियाली अमावस्या पर जानें आज पूजन के शुभ-अशुभ मुहूर्त क्या रहेंगे-
Shani Sade Sati Upay: रविवार को 4 अगस्त के दिन हरियाली अमावस्या है। साढेसाती का प्रभाव कम करने और शनि देव की असीम कृपा पाने के लिए सावन की अमावस्या पर करें ये खास उपाय।
Hariyali Amavasya 2024 : इस साल 4 अगस्त के दिन श्रावण मास की अमावस्या पड़ रही है। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष तौर पर विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है।
सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है।
Hariyali Amavasya 2024: भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है। जानें इस साल हरियाली अमावस्या कब है-
सावन माह भोलेनाथ को समर्पित होता है। सावन माह की अमावस्या पर भगवान शंकर की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
Hariyali Amavasya 2024 Date : सनातन धर्म में हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या मनाया डाता है। इस दिन पितरों के आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है।