सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया रात 9:13 बजे से रहेगा लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पंडित जी से जानें अमावस्या तिथि पर ग्रहण का प्रभाव, श्राद्ध कब तक किया जा सकता है, व श्राद्ध करने के बाद क्या करना चाहिए-
Sarva Pitru Amavasya: आज सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएगा। श्राद्ध शुभ मुहूर्त, विधि व सही तिथि के अनुसार करना चाहिए। आइए जानते हैं पितृपक्ष सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध के दिन किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Sarva Pitru Amavasya Shradh 15th Day : 2 अक्टूबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का 15वां दिन या सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध तिथि रहेगी। अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण व श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। जानें सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध किस समय करना शुभ रहेगा।
Mahalaya 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि की शुरुआत से पहले महालया मनाया जाता है। इस दिन को महालया अमावस्या भी कहता है। इस दिन घर में सभी पितरों के लिए तर्पण व श्राद्ध किया जाता है और मां दुर्गा की पूजा की जाती हैं।
हापुड़ में पित्तरों के तर्पण के लिए 106 गरीब बच्चे गोद लिए गए हैं। 60 समाज सेवियों ने 11 महानगरों के 106 गरीब बच्चों के खर्चे का जिम्मा लिया है। दिल्ली समेत कई राज्यों के कारोबारियों ने एक साल की पढ़ाई और खाने के खर्च का जिम्मा लिया।
आज सर्व पितृ अमावस्या है। इसे पितृविसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं, जैसा नाम से पता चलता है कि इस दिन पितरों को विदा किया जाता है। ग्रहों की स्थिति आज देखें तो आज आज उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र एवं ब्रह्म योग व कन्या राशि के चंद्रमा की उपस्थिति है।
Sarva Pitru Amavasya 2024 Rahukal Time: सर्व पितृ अमावस्या पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जानें अमावस्या तिथि पर श्राद्ध कर्म के शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय-
Sarva Pitru Amavasya Shradh Niyam: सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म करने से पितरों को संतुष्टि व शांति मिलती है। पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा के लिए कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान न रखने पर पितरों की नाराजगी की झेलनी पड़ सकती है।
अश्विन अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितृ धरती लोक से विदा लेते हैं।इस दिन सभी पितरों को विदाई दी जाती है। इस दिन क्या नियम मानने चाहिए और क्या दान करना चाहिए यहां जानें
अक्टूबर में कई बड़े त्योहार और व्रत है। इस वीक यानी एक से सात अक्टूबर की बात की जाए तो 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण हैं। इसके बाद 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं।
Sarva Pitru Amavasya 2024 Par Kya Daan Karna Chaiye: सर्व पितृ अमावस्या पर कुछ चीजों का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
सर्व पितृ अमावस्या पर दान, तर्पण, उपवास आदि किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस तरह खुश होकर पितृ आशीर्वाद देकर विदा हो जाते हैं। आइए जानें इस दिन क्या क्या करना चाहिए
आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 अक्टूबर को है। इस अमावस्या को 'महालय अमावस्या' या 'पितृ अमावस्या' भी कहा जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है।
Mahabali Bhim भीमगया वेदी पर पिंडदान के बाद घेरे के अंदर मौजूद भीम के घुटने के निशान के दर्शन-पूजन भी किए। कहा जाता है कि पांडु पुत्र भीम ने अपने पिता की मुक्ति के लिए इसी स्थान पर पिंडदान किया था।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कई तरह के दोष होते हैं जिनकी वजह से जीवन में परेशानियां आने लगती है। उन्हीं दोषों में से एक है पितृ दोष। पितृ दोष की वजह से कई तरह की परेशानियां होने लगती है।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पितृ विसर्जन होता है। पितृ विसर्जन अमावस्या दो अक्टूबर को है। इस तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है। आइए जानते हैं, श्राद्ध विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट-
Sarva Pitru Amavasya 2024 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या पितरों की पुण्य तिथि मानी गयी है लेकिन आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष फलदायक होती है।
इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्तूबर, बुधवार में लगेगा। 2 अक्तूबर को सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष भी समाप्त हो रहे हैं। श्राद्ध पक्ष 2 अक्तूबर को भाद्रपद मास की अमावस्या पर खत्म होगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं।
Sarva Pitru Amavasya 2024 : इस साल 02 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी। यह पितरों का आशीर्वाद पाने का आखिरी मौका माना जाता है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण के साथ कुछ कार्य बेहद शुभ माने जाते हैं।
Amavasya October 2024 Date Sarva pitru amavasya: पितृपक्ष की अमावस्या बहुत खास मानी जाती है। इस अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं, इसे पितृविसर्जित अमावस्या, महालया और सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पितरों को विदाई दी जाती है और सभी भूले बिसरे पितरों का श्राद्ध किया जाता है।