दिवाली पर लगातार दूसरे दिन AQI 300 पार, देहरादून-काशीपुर में सांस लेना भी मुश्किल
- पटाखों के धुएं से देहरादून में एक नवंबर की रात को एक्यूआई 338 तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। सामान्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
दिवाली पर लगातार दूसरे दिन भी एक्यूआई के आंकड़ें चिंताजनक है। देहरादून, काशीपुर, ऋषिकेश आदि शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से कुछ लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।
पटाखों के धुएं से देहरादून में एक नवंबर की रात को एक्यूआई 338 तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। सामान्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इस बार 31 अक्तूबर और एक नवंबर को दो दिन दीवाली मनाई गई।
इस कारण दूसरे दिन वायु प्रदूषण ज्यादा रहा। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देहरादून का औसत एक्यूआई 217, काशीपुर का 222 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है।
ऋषिकेश में भी एक्यूआई 159 रहा, जो मध्यम श्रेणी में आता है। 31 अक्तूबर को देहरादून एवं काशीपुर का औसत एक्यूआई 269 तक रहा था। दून विवि इलाके में एक्यूआई रिकॉर्ड 458 तक पहुंच गया था।
दून विवि के पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर विजय श्रीधर के मुताबिक दून विवि क्षेत्र में पिछले 24 घंटे की वायु गुणवत्ता की निगरानी में सर्वाधिक एक्यूआई 338 तक पहुंचा। जबकि, औसत एक्यूआई 312 दर्ज किया गया। यह स्तर बेहद खराब श्रेणी में आता है।
आतिशबाजी और हवा नहीं चलने की वजह से प्रदूषण ज्यादा रहा। सबसे खतरनाक माने जाने वाले पीएम-2.5 की मात्रा भी 200 तक पहुंच गई थी, जो बेहद चिंताजनक है। दिल-सांस के रोगियों के अलावा सामान्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
प्रदेश में कहां कितना औसत एक्यूआई स्तर
देहरादून 217 (खराब)
काशीपुर 222 (खराब)
ऋषिकेश 159 (मध्यम) (सीपीसीबी वेबसाइट के मुताबिक)
सांस और दिल के रोगी एहतियात बरतें
दून अस्पताल के एमएस एवं दमा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक, प्रदूषण बढ़ने की वजह से सांस एवं दिल के रोगी को ज्यादा दिक्कत होती है। आम लोगों को भी दिक्कत हो सकती है। इसीलिए मरीजों को इन दिनों ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। मास्क लगाकर बाहर निकलें, अच्छा आहार लें और गुनगुना पानी पीते रहें।
पीसीबी चार नवंबर तक करेगा मॉनीटरिंग
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते की ओर से निर्देशों के क्रम में 24 अक्तूबर से चार नवंबर तक दून, ऋषिकेश, काशीपुर, हरिद्वार, रुद्रपुर, टिहरी, हल्द्वानी और नैनीताल में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग की जा रही है।
इस बार दून, काशीपुर और ऋषिकेश में ड्रोन से भी पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। आरओ अमित पोखरियाल के मुताबिक, पिछली दीवाली के मुकाबले इस बार प्रदूषण कम हुआ। पिछली दीवाली पर देहरादून का औसत एक्यूआई 318 था, इस बार 269 रहा है।
दो जिलों में बारिश संभव
उत्तराखंड के बागेश्वर, पिथौरागढ़ में रविवार को हल्की से हल्की बारिश होने की संभावना है। बाकी जगह मौसम शुष्क रह सकता है। मौसम विभाग ने यह पूर्वानुमान जारी किया। दून में शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा यानी 30.7 डिग्री, न्यूनतम 16.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
दीवाली पर चार दिन के भीतर 189 सड़क हादसे
देहरादून। उत्तराखंड में धनतेरस से दीवाली तक 189 सड़क हादसे हुए। 108 एंबुलेंस की ओर से शनिवार को आंकड़े जारी किए गए। जीएम प्रोजेक्ट्स अनिल शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 272 एंबुलेंस को अलर्ट पर रखा गया था।
29 अक्तूबर से एक नवंबर तक 1519 लोगों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से आपात सेवाएं दी गईं, जिसमें 409 मामले प्रसव से जुड़े थे। जबकि 189 सड़क हादसे, 52 हार्ट अटैक, जलने और आग की घटनाओं के 52 एवं 817 अन्य मामले भी सामने आए। देहरादून, यूएसनगर, हरिद्वार एवं नैनीताल में ज्यादा मामले सामने आए।
आईएसबीटी इलाके में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण
उत्तराखंड में पटाखों के शोर से सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण दून के आईएसबीटी इलाके में हुआ। उत्तराखंड पीसीबी की ओर से 31 अक्तूबर के ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े जारी किए गए। नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 64.32 डेसीबल रहा। जबकि, घंटाघर क्षेत्र में 74.45, आईएसबीटी क्षेत्र में 75.76, ऋषिकेश में 56.9, टिहरी में 56.5 डेसीबल दर्ज किया गया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।