होली के दिन जुमे की नमाज के टाइम को लेकर फिर फंसा पेंच, संभल जामा मस्जिद के सदर ने अब ये कहा
- शाही जामा मस्जिद सदर जफर अली एडवोकेट ने कहा है कि नमाज के समय को बढ़ाने का अभी तक हमने कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बारे में धर्मगुरु केवल अपनी राय दे सकते हैं। लेकिन अंतिम निर्णय मस्जिद कमेटी का ही होगा। प्रशासन को भी इस संबंध में कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।

जुमे की नमाज के टाइम लेकर संभल में एक बार फिर पेंच फंस गया है। होली और जुमा की नमाज एक ही दिन पड़ने के चलते प्रशासन ने ऐहतियातन नमाज का समय एक घंटा बढ़ाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया था और लोगों से इसे मामले की अपील की थी। लेकिन इसी बीच शाही जामा मस्जिद सदर जफर अली एडवोकेट के बयान ने मामले में एक नया मोड़ दे दिया है।
शाही जामा मस्जिद सदर जफर अली एडवोकेट ने अपने बयान में कहा कि नमाज के समय को बढ़ाने का अभी तक हमने कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बारे में धर्मगुरु केवल अपनी राय दे सकते हैं। लेकिन अंतिम निर्णय मस्जिद कमेटी का ही होगा। प्रशासन को भी इस संबंध में कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मस्जिद कमेटी ही नमाज का समय तय करेगी और इस विषय पर अभी धर्मगुरुओं से बातचीत जारी है।
सीओ अनुज चौधरी के बयान पर छिड़ गई थी बहस
बता दें कि इससे पहले संभल में सीओ अनुज चौधरी के बयान को लेकर बहस छिड़ गई थी। सीओ ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्या में रखते हुए लोगों से कहा था कि जिसे रंग से परहेज है वे अपने घर में ही रहें। वहीं प्रशासन ने जुमा की नमाज का समय एक घंटा बढ़ाने की घोषणा की थी। उनके इस बयान के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया और इसे स्वीकार करने की अपील की थी।
जफर अली एडवोकेट ने अब कहा है नमाज के वक्त में बदलाव का निर्णय लेना पूरी तरह मस्जिद कमेटी का अधिकार है और इस मामले में प्रशासन का हस्तक्षेप अनुचित है। इस बयान के बाद लोगों में असमंजस की स्थिति बन गई है कि आखिरकार जुमा की नमाज का समय क्या होगा? मस्जिद कमेटी के फैसले का अब सभी धर्मगुरुओं मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों से आपसी समन्वय बनाकर शांति बनाए रखने की अपील की है।
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