मायावती के दूसरे भतीजे की सियासत में एंट्री की अटकलें, जनिए कौन हैं ईशान, कहां से की पढ़ाई
- बसपा सुप्रीमो मायावती के दूसरे भतीजे की सियासत में एंट्री की अटकलें तेज हो गई हैं। यावती के 69वें जन्मदिन समारोह ने बुधवार को उनके छोटे भतीजे ईशान आनंद नजर आए। वहीं ईशान के गुरुवार को लखनऊ में यूपी इकाई की संगठनात्मक बैठक में दिखे। आईए जानते हैं इनके बारें में कहां की पढ़ाई?
बसपा अध्यक्ष मायावती के दूसरे भतीजे ईशान की सियासत में एंट्री की अटकलें तेज हैं। मायावती के 69वें जन्मदिन समारोह ने बुधवार को उनके छोटे भतीजे ईशान आनंद नजर आए। ईशान पहली बार पार्टी के कार्यक्रम में शामिल हुए। मायावती ने बड़े भतीजे आकाश आनंद की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी किया। उन्होंने घोषणा की कि आकाश के नेतृत्व में बसपा दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इस घोषणा से कयास लगाए जाने लगे कि दोनों भाई 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। इस घोषणा के बाद आकाश पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। वहीं ईशान के गुरुवार को लखनऊ में यूपी इकाई की संगठनात्मक बैठक में दिखे। इसके बाद चर्चाएं तेज हैं। आई जानते ईशान के बारे में-
26 साल के ईशान आनंद आकाश आनंद से छोटे हैं। ईशान ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर लंदन से एलएलबी की पढ़ाई की है और पिता आनंद कुमार का कारोबार संभाल रहे हैं। ईशान अभी तक राजनीतिक चकाचौंध से दूर रहे हैं। यह पहला मौका रहा जब ईशान आनंद मायावती के जन्मदिन पर सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखाई दिए हैं।
आकाश बीएसपी के राष्ट्रीय समन्वयक हैं और मायावती ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2023 में पार्टी में अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। लेकिन, जब 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान उनका अभियान विवादों में घिर गया, तो उन्होंने अपना आदेश वापस ले लिया। हालांकि, उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों और नवंबर में यूपी में उपचुनावों में प्रचार से दूर रहने के बाद, आकाश फिर से कमान संभाल रहे हैं। उन्होंने 5 जनवरी से अब तक दो जनसभाओं को संबोधित किया है, एक कोंडली और एक किराड़ी विधानसभा क्षेत्रों में। वह अपनी चाची मायावती के साथ दिल्ली में पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं, जो राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी सार्वजनिक बैठक को संबोधित नहीं कर सकती हैं, बल्कि केवल पर्यवेक्षक की भूमिका में होंगी। ऐसे में आकाश पर पार्टी के लिए वोट और सीटें जीतने की जिम्मेदारी होगी।