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अयोध्या की मिल्कीपुर में अब उपचुनाव की बारी, दलित बहुल सीट पर बसपा के हटने से क्या समीकरण?

यूपी में सभी नौ सीटों पर बसपा ने भी प्रत्याशी उतारे थे लेकिन अब उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान मायावती ने कर दिया है। ऐसे में दलित बहुल मिल्कीपुर में समीकरण बदले बदले से दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी महीने जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुआ है वहां बसपा के कारण सपा को चोट पहुंची हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानSun, 1 Dec 2024 03:57 PM
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अयोध्या की मिल्कीपुर में अब उपचुनाव की बारी, दलित बहुल सीट पर बसपा के हटने से क्या समीकरण?

यूपी में नौ सीटों पर उपचुनाव के बाद अब बारी अयोध्या की मिल्कीपुर की है। हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ हो चुका है। चुनाव आयोग कभी भी इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है। माना जा रहा है कि एक बार फिर भाजपा और सपा के बीच ही यहां भी सीधी टक्कर होगी। सभी नौ सीटों पर बसपा ने भी प्रत्याशी उतारे थे लेकिन अब उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान मायावती ने कर दिया है। ऐसे में दलित बहुल मिल्कीपुर में समीकरण बदले बदले से दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी महीने जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुआ है वहां बसपा के कारण सपा को चोट पहुंची हैं।

मिल्कीपुर के जातीय समीकरणों पर निगाह डालें तो यहां दलित वोट अहम भूमिका निभाते हैं। इस सीट पर 3.5 लाख मतदाताओं में से 1.2 लाख दलित, करीब 55,000 यादव और 30,000 मुस्लिम हैं। यही कारण है कि भगवा लहर में भी सपा जीतती रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जो भी दलितों के साथ-साथ 60,000 ब्राह्मणों, 25,000 क्षत्रियों और अन्य पिछड़े वर्गों का समर्थन हासिल करेगा, वही विजयी होगा। देखना यह है कि क्या सपा का पीडीए फॉर्मूला इस सीट पर उसी तरह काम करेगा जैसा इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में किया था या फिर भाजपा जातिगत विभाजन को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो पाती है।

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को हराकर यह सीट जीती थी। प्रसाद को जहां 49.99 प्रतिशत वोट (1,03,905) मिले थे, वहीं गोरखनाथ को 41.83 प्रतिशत (90,567) वोट मिले थे। सपा ने अयोध्या से मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है, वहीं भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है। कांग्रेस का समर्थन सपा को जारी रहने की ही उम्मीद है।

निर्वाचन आयोग ने अभी मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट के हाल ही में संपन्न उपचुनाव में नौ में से सात सीटें जीतकर उत्साहित भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा का सवाल है और वह उसे जीतने की भरसक कोशिश करेगी।

मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव भी पूर्व में हुए नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव के साथ ही होना था लेकिन साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट के लिए हुए निर्वाचन को लेकर अदालत में याचिकाएं दायर होने की वजह से यहां उपचुनाव नहीं हो सका था। मगर हाल ही में यह बाधा समाप्त होने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र से सपा नेता प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति दे दी, जिससे सीट पर उपचुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया।

पिछले महीने नौ विधानसभा सीट के हुए उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भाजपा मिल्कीपुर सीट जीतकर अपना विजय अभियान जारी रखने की उम्मीद कर रही है, जबकि सपा इस हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र पर अपना कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है।

विधानसभा की नौ सीट के लिए हाल में संपन्न उपचुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और उसने मुरादाबाद में कुंदरकी जैसे सपा के गढ़ सहित छह सीट जीतीं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को एक सीट मिली। सपा ने सीसामऊ और करहल विधानसभा सीट जीतीं मगर इन दोनों ही क्षेत्रों में उसके वोट प्रतिशत में काफी गिरावट आई।

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारों के जरिए हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश कर सकती है जबकि सपा अपने पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के ​​नारे पर भरोसा कर सकती है।

मिल्कीपुर सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस अयोध्या लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है जिस पर पिछले लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की थी। उससे पहले वह मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। सांसद चुने जाने के बाद उनके इस सीट से इस्तीफा देने के चलते यहां उपचुनाव कराना जरूरी हो गया है।

सपा की पिछड़ी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने कहा, ''मिल्कीपुर में हमारी जीत पक्की है। उपचुनाव में सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरुपयोग किया गया। इस बार हमारा पीडीए भाजपा सरकार को जवाब देगा। अयोध्या ने सांप्रदायिक राजनीति को त्यागकर अवधेश प्रसाद को सांसद चुनकर एक मिसाल कायम की है और यह सिलसिला जारी रहेगा।'' हालांकि, भाजपा को सीट जीतने का पूरा भरोसा है।

भाजपा के प्रांतीय सचिव अभिजात मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हमने सिर्फ मिल्कीपुर में ही नहीं बल्कि पूरे अयोध्या में काम किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम की बदौलत जनता ने हमें उपचुनाव में जीत दिलाई और यह सिलसिला जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर का विकास सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। जाति और वंशवाद की राजनीति करने वालों को परास्त किया जाएगा। हम लोगों की सुरक्षा और विकास की बात करते हैं। सपा देश के खिलाफ बोलने वालों का समर्थन करती है। जनता भाजपा और सपा के बीच के इस अंतर को समझ चुकी है।

पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता गोरखनाथ और एक अन्य याचिकाकर्ता ने अदालत से अपनी याचिकाएं वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।

इनपुट भाषा

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