मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। इस बीच अखिलेश यादव की मुश्किलें भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बढ़ा दी हैं। चंद्रशेखर आजाद ने मिल्कीपुर से सूरज चौधरी को टिकट देकर मैदान में उतार दिया है।
अयोध्या की मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा की तरफ से भी प्रत्याशी का ऐलान होने के साथ ही लड़ाई साफ हो गई है। सपा और भाजपा के बीच ही सीधी लड़ाई होने जा रही है। सपा के बाद भाजपा ने भी पासी बिरादरी पर दांव लगाया है।
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने भी मंगलवार को प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। भाजपा ने यहां से चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी पहले ही अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट हारने के बाद भाजपा की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा को 9 में से केवल 2 सीटों पर जीत हासिल हुई, जिससे अखिलेश यादव की चिंता बढ़ गई है। अब दोनों प्रमुख दल मिल्कीपुर सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
दिल्ली के बाद अब यूपी में सपा-कांग्रेस में तल्खियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे का बड़ा बयान देते हुए कहा कि गठबंधन अनिवार्यता नहीं है। समझौता न होने की दशा में गठबंधन अनिवार्य नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने दिल्ली चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और सांप्रदायिक और घिनौने प्रचार की आशंका जताई है।
Ayodhya Milkipur By-election: अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। नामांकन दस जनवरी से 17 जनवरी तक होंगे। 5 फरवरी वोटिंग होगी और 8 फरवरी को रिजल्ट आएगा।
2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कार्यकर्ताओं व टिकट की चाह रखने वालों को पूरी तरह सक्रिय करने की तैयारी शुरू कर दी है और इसी के साथ सपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों को संदेश दे दिया है कि वह खुद सक्रिय होकर कार्यकर्ताओं को भी पीडीए का संदेश देने के काम में लगा दें।
भाजपा की जोरदार तैयारियों को देखते हुए इस सीट को जीतने के लिए सपा के सामने मुश्किलें बढ़ गईं हैं। चुनाव आयोग मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का ऐलान कभी भी कर सकता है। यह चुनाव भी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बनाम ‘पीडीए’ की पिच पर ही लड़ा जाना है। ऐसे में सपा के लिए पीडीए को एकजुट रखना सबसे मुश्किल काम है।
यूपी में सभी नौ सीटों पर बसपा ने भी प्रत्याशी उतारे थे लेकिन अब उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान मायावती ने कर दिया है। ऐसे में दलित बहुल मिल्कीपुर में समीकरण बदले बदले से दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी महीने जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुआ है वहां बसपा के कारण सपा को चोट पहुंची हैं।
यूपी में हाल ही में उपचुनाव जीते विधायकों ने आज शपथ ली है। विधान सभा स्पीकर सतीश महाना ने आज विधानसभा में भाजपा के नवनिर्वाचित सात विधायकों को शपथ दिलाई।
अब उपचुनाव का बिगुल अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में बजेगा। निर्वाचन आयोग इस उपचुनाव की तिथियां जब भी घोषित करे भाजपा हर समय चुनाव के लिए तैयार बैठी है। भाजपा यूपी के साथ ही पूरे देश को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या जिले में भाजपा की पकड़ कमजोर नहीं पड़ी है।
यूपी में अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। जिस याचिका के कारण मिल्कीपुर में उपचुनाव नहीं हो सका वह याचिका वापस हो गई है।
मुलायम सिंह यादव की बहू और उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने सोमवार को कहा कि हाल ही में संपन्न विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रहित चाहने वाले लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में मतदान किया है।
मुलाकात के वक्त पत्नी नसीम सोलंकी को जीत की मुबारकबाद देते हुए इरफान सोलंकी रो पड़े। मुलाकात के बाद जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए नसीम सोलंकी ने कहा कि लम्बे समय बाद आज मुलाकात हुई तो वह काफी भावुक हो गए थे। वह और बेटी भी मुलाकात के दौरान रो पड़ीं।
बिना किसी शोर और प्रचार के BJP संगठन ने बूथ लेबल तक वृहद रणनीति से काम शुरू किया। पन्ना प्रमुख जो BJP की सबसे छोटी इकाई है, उसे सक्रिय किया गया। पन्ने पर दर्ज एक-एक वोटरों को साधने की रणनीति अपनाई गई। 10 वोटर पर एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई। ये कार्यकर्ता उन वोटरों से लगातार संपर्क में रहे।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम के साथ ही कोआर्डिनेटरों पर फोड़ना शुरू कर दिया है। चुनाव परिणाम आने के साथ ही मंडलीय कोआर्डिनेटरों को हटाने और उनके स्थान पर नए को लगाया गया है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया। सपा पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि लाल टोपी वालों के काले कारनामे जनता जान चुकी है। लिखी हुई स्क्रिप्ट सपा मुखिया पढ़ रहे हैं।
उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू जमकर चला। उनके बटेंगे तो कटेंगे...के नारे का असर दिखाई दिया। वहीं मिशन-2027 के लिए भारतीय जनता पार्टी के संगठन और सरकार के लिए अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं। क्या हैं ये चुनौतियां?
उपचुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 27 छोड़िए, 47 के बारे में भी न सोचें अखिलेश यादव।
अखिलेश यादव ने कहा कि संभल मे जानबुझकर आज सुबह सर्वे टीम को भेजा गया। जबकि एक बार सर्वे हो चुका था। फिर आज किस बात का सर्वे कराया गया। चुनाव की धांधली जनता के सामने न आ जाये इसलिये जानबूझकर सर्वे टीम को भेजा गया। बवाल में 1 युवक की मौत भी हुई है। दूसरे साइड की कोई सुनने वाला नहीं है।
33 साल बाद कटेहरी विधानसभा में कमल खिला है। भाजपा की जीत के साथ उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने सपा की उम्मीदवार शोभावती वर्मा को 33828 मतों से हराया है। 1991 के बाद कटेहरी विधानसभा में भाजपा नहीं जीती थी।
कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से जहां भाजपा को संजीवनी मिली है वहीं सपा की दीवार दरकी है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जिले की पांचों विधानसभा सीटों को जीतकर अपनी धमक बनाई थी।
नगीना से सांसद बनने के बाद उपचुनाव में आसपा को हासिल मतों ने पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नई जान फूंक दी है। नगीना में भी चंद्रशेखर की जीत का आधार दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना था। इसी आधार पर उसने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया है। उपचुनाव के नतीजों से भी यह पूरी तरह से साफ हो चला है।
बसपा सुप्रीमो मायावती पश्चिमी यूपी से आती हैं और वह जाटव बिरादरी से हैं। इसीलिए कहा जाता था कि जाटव वोट बैंक एक साथ होकर बसपा के साथ जाता है, लेकिन अब चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) इसमें सेंधमारी करती हुए दिख रही है।
सत्तारुढ़ भाजपा की आक्रामक मुहिम के आगे सपा का न ‘पीडीए’ का दांव चला और न ही 90 बनाम 10 का नारा। BJP के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के असर को रोकने के लिए सपा ने कई नारे उछाले, लेकिन यह कवायद ‘साइकिल’ की रफ्तार नहीं बढ़ा सकी।
मुरादाबाद जिले की कुंदरकी से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक रामवीर सिंह ने कहा कि मुसलमानों को डरा कर कांग्रेस सपा वोट हासिल करती रही है। उनके मन में भाजपा का डर बैठाने वालों के लिए यह चुनाव परिणाम मिसाल बन गया है।
उपचुनाव के प्रचार के दौरान नसीम सोलंकी के बनखंडेश्वर मंदिर जाने का मामला एक बार गरमा गया है। मतगणना से एक दिन पहले शुक्रवार को स्वरूप नगर निवासी पूर्व भाजपा प्रवक्ता धीरज चड्ढा ने नसीम को फोन कर धमकी दी।
यूपी उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लोकसभा चुनाव का हिसाब चुकता कर लिया है। सीएम योगी ने न सिर्फ सपा से सीटें छीनी हैं बल्कि जिस फूलपुर सीट पर लोकसभा चुनाव में सपा ने बढ़त हासिल की थी, उसे भी जीत लिया है।
यूपी जैसे राज्य में सपा को केवल दो सीटों पर संतोष करना पड़ा लेकिन महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की लहर में सपा अपने दो प्रत्याशी जिताने में कामयाब रही। इस तरह यूपी ने न सही लेकिन महाराष्ट्र से उसे अच्छी खबर जरूरी मिल गई।