संयोग! महाकुंभ की भीषण आग में गीता प्रेस का पूरा शिविर खाक, ठाकुर जी की कुटिया और सभी किताबें सुरक्षित
महाकुंभ में लगी आग में गीता प्रेस की 100 से ज्यादा कुटिया जलकर राख हो गई है। संयोग से ठाकुर जी की कुटिया और संचालक कृष्ण कुमार खेमका की कुटिया सुरक्षित बच गईं। एक करोड़ से अधिक की धार्मिक पुस्तकें भी बच गई हैं।
महाकुंभ मेले के सेक्टर-19 स्थित तुलसी मार्ग पर रविवार शाम को गीता प्रेस और धर्म संघ के संयुक्त शिविर में भीषण आग लग गई। गैस सिलेंडर फटने से आग इतनी विकराल हो गई कि शिविर में बनी 100 से अधिक कुटिया जलकर राख हो गईं। यहां रखा गृहस्थी का सामान भी जल गया। संयोग से ठाकुर जी की कुटिया और संचालक कृष्ण कुमार खेमका की कुटिया सुरक्षित बच गईं। एक करोड़ से अधिक की धार्मिक पुस्तकें भी बच गई हैं।
शिविर धर्म संघ के संचालक कृष्ण कुमार खेमका और गीता प्रेस द्वारा संचालित है, जो श्रद्धालुओं के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था करते हैं। यह शिविर गीता प्रेस के बड़े गोदाम के सामने स्थित है। इसमें एक करोड़ रुपये से अधिक की धार्मिक पुस्तकें रखी हुई थीं। आग लगने के बावजूद सभी पुस्तकें सुरक्षित रहीं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार कुछ लोगों के हाथ और पैर जले हैं, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई।
गीता प्रेस के पुस्तक गोदाम और खाद्य सामग्री के भंडार सुरक्षित हैं। गोदाम के सामने गीता प्रेस की फुटकर दुकानों में भी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। गीताप्रेस के प्रबंधक डॉ लाल मणि ने बताया कि महाकुंभ मेले में गीता प्रेस अब तक 22 लाख रुपये की बिक्री कर चुका है।
दो करोड़ की धार्मिक साहित्य उपलब्ध कराने की बनाई थी योजना
इस वर्ष गीता प्रेस प्रबंधन ने महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं तक बड़ी संख्या में धार्मिक किताबें उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी। गीता प्रेस के ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल ने बताया कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को दो करोड़ रुपये की लागत की धार्मिक साहित्य उपलब्ध कराने की योजना है। गीता प्रेस की विशेष पुस्तिका "महाकुंभ पर्व" भी बड़ी संख्या में मेले में उपलब्ध है।