महाकुंभ में कैसे लगी भीषण आग, तीन सिलेंडरों ने सबकुछ किया खाक; दर्जनों कॉटेज राख
महाकुंभ में मेले के सातवें दिन रविवार की शाम लगभग सवा चार बजे सेक्टर नंबर 19 में गीता प्रेस के शिविर में चाय बनाते समय छोटे सिलेंडर में रिसाव के बाद आग लगी। इसके बाद एक-एक कर दो अन्य सिलेंडरों में ब्लॉस्ट से आग ने विकराल रूप लिया और कल्पवासियों की पूस के बने दर्जनों कॉटेज जलकर राख हो गए।
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महाकुंभ में मेले के सातवें दिन रविवार की शाम लगभग सवा चार बजे सेक्टर नंबर 19 में गीता प्रेस के शिविर में चाय बनाते समय छोटे सिलेंडर में रिसाव के बाद आग लगी। इसके बाद एक-एक कर दो अन्य सिलेंडरों में ब्लॉस्ट से आग ने विकराल रूप लिया और कल्पवासियों के पूस के बने दर्जनों कॉटेज जलकर राख हो गए। फायर ब्रिगेड व एनडीआरएफ की टीम लगभग एक घंटे तक अथक प्रयास कर आग बुझाने में सफल हुईं। आग से कल्पवासियों का सारा सामान भी जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया। आग लगने से लगभक एक करोड़ से अधिक की संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। मेला क्षेत्र में रविवार को स्नानार्थियों की भीड़ अधिक होने की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जाम में फंसने की वजह से देर से पहुंच सकी। राहत की बात यही है कि आग से को हताहत नहीं हुआ है।
मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर 19 झूंसी रेलवे ब्रिज के नीचे गंगा किनारे गीता प्रेस का शिविर लगा है। इसमें श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं। रविवार शाम लगभग सवा चार बजे एक कुटिया में खाना बनाते समय छोटे सिलेंडर से गैस रिसाव होने से आग लग गई। कुटिया से अचानक आग की लपटें और धुआं निकलता देख शिविर में खलबली मच गई। कुटिया में ठहरे कल्पवासी सारा सामान छोड़कर शोर मचाते हुए बाहर की ओर भागे।
सूचना पर जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंचतीं, तेज हवा के कारण आग विकराल होकर पूरे शिविर में फैल चुकी थी। तेज धमाके के साथ एक के बाद एक दो गैस सिलेंडर फटने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। फायर ब्रिगेड की 40 से अधिक गाड़ियों के साथ एनडीआरएफ की टीमें आग बुझाने में जुट गईं। आग बुझने के बाद भी घंटों धुआं उठता रहा। टीम देर शाम तक रेस्क्यू में जुटी रहीं। प्रशासन ने कहा कि गीता प्रेस लगभग 40 घास-फूस कॉटेज तथा संजीव प्रयागवाल के छह टेंट जल गए।
आग में झोपड़ियों तथा टेंट में रहने वाले कल्पवासियों का सारा सामान जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया। हादसे में एक महिला श्रद्धालु आंशिक रूप से झुलस गई, वहीं अफरातफरी में एक व्यक्ति गिरकर घायल हो गया, जिसे पहले एंबुलेंस से महाकुम्भ मेला स्थित केंद्रीय अस्पताल भेजा गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे आगे के इलाज के लिए एसआरएन अस्पताल भेज दिया गया है। आग से हुई क्षति का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सका है।
सिलेंडर लेकर बाहर भागे लोग, बचाई जान
मेला क्षेत्र में रविवार शाम लगभग सवा चार बजे हुए अग्निकांड के बाद भय और दहशत दिखाई दी। जैसे ही सिलेंडर फटा दूसरे शिविर से लोग रसोई गैस सिलेंडर और गृहस्थी का सामान लेकर बाहर भागते दिखे। हर चेहरे पर ऐसी दहशत दिखी मानों अभी न निकले तो जान चली जाएगी। इसी बीच एक के बाद एक तीन सिलेंडर में विस्फोट हुआ तो दहशत के साथ चीख पुकार और अधिक सुनाई देने लगी।
गीता प्रेस के शिविर में लगी आग चंद मिनटों में आगे बढ़ने लगी। एक के बाद दूसरे शिविर में आग पहुंची तो तुलसी मार्ग पर हाहाकार मचने लगा। निर्मल आश्रम प्रयागराज, विवेकानंद सेवा समिति शिविर में आग तेजी से फैलने लगी। अंदर मौजूद श्रद्धालुओं ने सबसे पहले सिलेंडर उठाया और सामने तुलसी मार्ग पर फेंकने लगे। मौके पर भीड़ लगी तो नागा साधुओं ने उन्हें हटाने का काम शुरू किया। इस बीच आग इतनी तेजी से फैली कि उसकी तपिश सड़क पर खड़े लोग महसूस करने लगे। सड़क बहुत चौड़ी नहीं थी, ऐसे में तमाम लोग भागते हुए एक-दूसरे पर गिर जा रहे थे।
किसी प्रकार से राहगीरों ने उन्हें खींचा और बाहर निकाला। एक के बाद एक कई फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आईं, लेकिन भीड़ के कारण उन्हें भी आने में परेशानी हो रही थी। इसी बीच मौजूद पुलिस बल ने सभी को पीछे किया। फायर कर्मियों, बीएसएफ जवानों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंची। आग पीछे के शिविर में थी। अंदर टिन घेरा होने के कारण दूसरी ओर जाना संभव नहीं था। इसी बीच राहत कर्मियों ने टिन घेरे को गिरा दिया जिससे अग्निशमन उपकरण दूसरी ओर ले गए और आग को काबू किया जा सका।
एक चूक और देखते देखते लाखों का सामान स्वाहा
पुआल से बने कॉटेज में भोजन नहीं बनाना चाहिए था। इस छोटी सी लापरवाही के कारण देखते देखते एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो गया। 100 से ज्यादा कॉटेज जल गए। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि एक की कीमत लगभग 35 हजार रुपये थी। यानी सीधे-सीधे 35 लाख रुपये के कॉटेज आग में स्वाहा हो गए। वहीं टॉयलेट और आम श्रद्धालुओं के सामान को मिला लिया जाए तो एक करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
शाम लगभग सवा चार बजे सेक्टर 19 स्थित शिविर में आग लगी। लपटें उठते ही जो जहां मौजूद था वो सामान लेकर बाहर की ओर भागने लगा। जो नहीं उठा सके वो सामान छोड़कर भागे। आग पर काबू पाने के बाद जब अग्निशमन विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया तो एक बॉक्स में लाखों रुपये मिले। नोट आधे जल गए थे। पुलिस ने इसे कब्जे में ले लिया। वहीं एक शिविर में कपड़े सहित गृहस्थी की पूरी सामग्री जल गई। मौके पर ओएसडी आकांक्षा राणा और एडीएम महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी पहुंचे। फिर डीएम महाकुम्भ नगर विजय किरण आनंद और इसके चंद मिनट बाद मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत पहुंचे। हालांकि तब तक आग को काबू किया जा चुका था।
मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पहुंचकर लिया जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रविवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आगमन हुआ था। सीएम योगी आदित्यनाथ विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त थे। इसी बीच मेला क्षेत्र में आग लगने की सूचना पर मुख्यमंत्री भी काफिले के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने मेला व पुलिस प्रशासन के अलावा फायर ब्रिगेड के अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। साथ ही त्वरित राहत कार्य करने का निर्देश दिया।
उन्होंने मेला क्षेत्र में आग व आपदा से बचाव के हर इंतजाम करने का आदेश दिया। ताकि सुरक्षित महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस मौके पर डीआईजी वैभव कृष्ण, मेलाधिकारी विजय किरण, एसएसपी राजेश द्विवेदी, फायर डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा, ओएसडी आकांक्षा राणा आदि मौजूद रहे।